पत्र || पत्र लेखन || औपचारिक पत्र || कक्षा 10 || पत्र के भेद || पत्र के अंग
पत्र लेखन
पत्र शब्द मूलतः संस्कृत का
शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ है – पत्ता |
प्राचीन काल में भोजपत्र आदि पर
संदेश लिखकर संदेशवाहक के माध्यम से अपने विचारों का आदान –प्रदान किया जाता था , अत:
यह कोई नई विधा नहीं है | समय के साथ-साथ इस नई
विधा का भी विकास होता चला गया | पत्र लेखन एक विशिष्ट कला है | यह हमारे
विचारों के आदान -प्रदान का एक सरल व
सशक्त माध्यम है तथा यह लेखन की अन्य विधाओं से भिन्न है | पत्र लेखन किसी मित्र ,
निकट संबंधी , अधिकारी , कर्मचारी या संस्था प्रमुख को संबोधित करके लिखा जाता है |
पत्र लेखन के समय कुछ आवश्यक बातों का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है यदि उन बातों
का ध्यान नहीं रखा गया,तो पत्र लेखन का उददेश्य पूर्ण नहीं हो पाएगा |
पत्र के भेद
औपचारिक कार्यालय व विद्यालय आदि में लिखे जाते है |
अनौपचारिक मित्र, संबंधी आदि को लिखे जाते हैं |
औपचारिक पत्रों को निम्न वर्गों में विभाजित किया जाता है –
प्रार्थना पत्र – अवकाश, शिकायत , सुधार आदि के लिए
लिखे जाते हैं ये पत्र प्रधानाचार्य या किसी विभाग के अधिकारी को लिखे जाते हैं |
आवेदन पत्र – सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं मे नौकरी पाने के लिए लिखे गए पत्रों को
आवेदन पत्र कहा जाता है इनमे शैक्षिक व व्यावसायिक योग्यता का उल्लेख करके अपनी कार्य
निपुणता की पुष्टि की जाती है
शिकायती पत्र – व्यक्तिगत अथवा सार्वजनिक समस्या का निराकरण करवाने हेतु लिखे जाने वाले
पत्रों को शिकायती पत्र कहा जाता है बिजली
की अघोषित कटौती या टूटी सड़कों की मरम्मत आदि के लिए लिखे जाने वाले पत्र इसी
श्रेणी में आते हैं
संपादकीय पत्र – समाचार-पत्रों के संपादकों को लिखे जाने
वाले पत्र इस श्रेणी में आते हैं इसमें जनहित की समस्याओं की ओर सरकार या संबंधित
अधिकारियों का ध्यान आकर्षित कराने के लिए समाचार पत्रों में प्रकाशन हेतु लिखे
जाते हैं |
व्यावसायिक पत्र – रूपयों के लेन-देन अथवा व्यवसाय में सामान खरीदने व बेचने आदि से संबंधित
होते हैं जोकि दुकानदार , प्रकाशक व कंपनी
आदि को लिखे जाते है |
अन्य पत्र – इसके अंतर्गत बधाई या निमंत्रण पत्र आदि आते हैं |
औपचारिक पत्र लिखते समय
ध्यान देने योग्य बातें निम्नलिखित हैं –
औपचारिक पत्र नियमों में
बंधे होते हैं |
शिष्टता - पत्र में भाषा का प्रयोग ध्यानपूर्वक किया जाना चाहिए | इनमें अनावश्यक बातें
या कटु शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए |
सरलता - पत्र की भाषा सरल , स्पष्ट व बोधगम्य
होनी चाहिए |
संक्षिप्तता – पत्र लिखते समय यह प्रयास होना चाहिए कि कम से कम शब्दों में अपनी बात को
स्पष्ट कर सकें | पत्र में अनावश्यक विस्तार पत्र को नीरस व उबाऊ बना देता है |
पुनरुक्ति – पत्र में एक ही बात की पुनरुक्ति करने से बचना चाहिए |
परीक्षा भवन (अपने पते के स्थान पर) तथा क.ख.ग.(अपने
नाम के स्थान पर) लिखना चाहिए |
पत्र पृष्ठ के बाँए ओर से हाशिए के साथ मिलाकर
लिखें |
पत्र को एक पृष्ठ में ही लिखने का प्रयास करना
चाहिए ताकि तारतम्यता बनी रहे |
औपचारिक पत्र के अंग –
1) पत्र लिखने वाले का पता तथा
तिथि – पृष्ठ के बाँए ओर से लिखे जाते हैं |
2) पाने वाले का नाम व पता –
प्रेषक के बाद सेवा में लिखकर पत्र प्रापक का पदनाम तथा पता लिखकर पत्र की शुरुआत
करें |
3) विषय – केवल एक ही वाक्य में संक्षेप में विषय शीर्षक देकर लिखें |
4) संबोधन – जिसे पत्र लिखा जा
रहा है –महोदय/महोदया,माननीय आदि शिष्टाचारयुक्त शब्दों का प्रयोग करें |
5 अभिवादन शब्द – जैसे
नमस्कार, सादर प्रणाम आदि का प्रयोग नहीं किया जाता |
6) विषय वस्तु – दो अनुच्छेद में लिखी जानी चाहिए |
पहला अनुच्छेद – सविनय निवेदन यह है कि........से शुरुआत करते हुए समस्या के बारे में लिखें
दूसरा अनुच्छेद – आपसे विन्रम निवेदन है कि...........लिखकर उनसे क्या अपेक्षा रखते हैं, उसे लिखें |
समाप्ति – धन्यवाद या कष्ट के लिए क्षमा जैसे शब्दों का प्रयोग करते
हुए अंत में भवदीय/भवदीया/प्रार्थी लिखकर (अपने हस्ताक्षर करें तथा हस्ताक्षर के
ठीक नीचे कोष्ठक में ) भेजने वाले का पूरा नाम लिखा जाना चाहिए |
यदि प्रश्न पत्र में नाम दिया गया हो तो पत्र
में उसी नाम का उल्लेख अथवा क.ख.ग लिखना चाहिए|
7)
संलग्नक – मूलपत्र के साथ
जो अन्य आवश्यक कागजात भेजे जाते हैं | इन्हें उस पत्र के संलग्न पत्र या संलग्नक
कहते हैं |
शिकायती पत्र
अपने क्षेत्र में बिजली संकट से उत्पन्न कठिनाइयों के विषय में बताते हुए विद्युत विभाग को पत्र लिखिए –
नई दिल्ली
दिनांक - .....
विद्युत अधिकारी
विद्युत विभाग
सैक्टर 12, द्वारका
नई दिल्ली
विषय – क्षेत्र में बिजली की समस्या |
बिजली की समस्या ने इस क्षेत्र में गंभीर रूप धारण कर लिया है | कई –कई घंटों तक यहाँ बिजली नहीं आती है तथा बिजली कटौती की पहले से कोई सूचना भी नहीं दी जाती है | यह समस्या गरमी व बरसात के मौसम में विशेष रूप से बढ़ जाती है | रात के समय बिजली के जाने के कारण अपराधिक घटनाएँ भी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है | बरसात के मौसम में सड़कों पर पानी जमा हो जाता है तथा गड्ढे पानी से भर जाते है ,जो अंधेरा होने पर दिखाई नहीं देते ,जिनके कारण कई दुर्घटनाएँ भी हो चुकी हैं |
अत: आपसे अनुरोध है कि निवासियों की समस्याओं की गंभीरता को समझते हुए बिजली संकट को शीघ्रतिशीघ्र दूर करने का प्रयास करें | हम सभी आपके अत्यंत आभारी रहेंगे |
भवदीया
प्रार्थना पत्र
अपने विद्यालय के मुख्य द्वार पर बैठे खोमचेवालों की शिकायत करते हुए प्रधानाचार्य को पत्र लिखिए
बाल भारती पब्लिक स्कूल
सैक्टर 12, द्वारका
नई दिल्ली
विषय – विद्यालय के बाहर खड़े खोमचेवालों की शिकायत करने हेतु पत्र |
विद्यालय की छुट्टी के समय अनेक खोमचेवाले छोले कुलचे, समोसे, टॉफी चूरन आदि की अपनी-अपनी रेहड़ी लगाकर विद्यालय के बिलकुल मुख्य द्वार पर खड़े हो जाते हैं ,इससे सभी को आने-जाने मे असुविधा होती है |कई बार तो विद्यार्थियों को चोट भी लग जाती है | इतना ही नहीं ,इनके द्वारा लाया गया सामान भी पूरी तरह से स्वच्छ एवं स्वास्थ्यवर्धक नहीं होता तथा इनके द्वारा बेची जाने वाली खाद्य सामग्री पर मक्खियाँ भी भिनभिनाती रहती हैं | व्यक्तिगत रूप से कई बार अभिभावकों द्वारा मना करने पर भी ये लोग मान नहीं रहें हैं |
अत: आपसे अनुरोध है कि बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इन खोमचेवालों के विद्यालय के बाहर खड़े होने पर रोक लगाने की कृपा करें |
सधन्यवाद
आपका आज्ञाकारी शिष्य
संपादकीय पत्र
समाज में बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए नागरिकों को जागरूक करते हुए किसी दैनिक समाचार पत्र के संपादक को पत्र लिखिए –
नई दिल्ली
दिनांक - .....
दैनिक हिंदुस्तान
कस्तूरबा गांधी मार्ग
नई दिल्ली
विषय – समाज में बढ़ते अपराधो के प्रति नागरिको को जागरूक करते हुए पत्र |
मैं श्याम शर्मा आपके लोकप्रिय दैनिक समाचार-पत्र के माध्यम से देश के नागरिकों को समाज में बढ़ते अपराधों के प्रति जागरूक करना चाहता हूँ |आशा है कि आप जनहित में मेरा पत्र प्रकाशित कर मुझे कृतार्थ करेंगे |
अत: इस समस्या की गंभीरता को देखते हुए सरकार व पुलिस के साथ-साथ नागरिकों की भी विशेष ज़िम्मेदारी बन जाती है | लोगों को उदासीनता छोड़कर इस दिशा में सतर्क व सजग होना होगा | तभी इस समस्या से निपटा जा सकेगा |
सधन्यवाद
नई दिल्ली
दिनांक - .....
दैनिक हिंदुस्तान
कस्तूरबा गांधी मार्ग
नई दिल्ली
पूर्वोत्तर सीमा
रेलवे,असम में कनिष्ठ
निरीक्षक के पद के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए हैं। आप भी अपनी योग्यताओं का
विवरण देते हुए आवेदन पत्र लिखिए।
परीक्षा भवन
नई दिल्ली
दिनांक-17 अप्रैल 202
क्षेत्रीय प्रबंधक
पूर्वोत्तर सीमा
रेलवे
असम
विषय - कनिष्ठ
निरीक्षक के पद के लिए आवेदन पत्र।
महोदय
दिनांक 15 अप्रैल 2022 को
नवभारत टाइम्स में प्रकाशित आपके विज्ञापन के प्रत्युत्तर में मैं स्वयं को कनिष्ठ
निरीक्षक के रिक्त पद हेतु प्रस्तुत करता हूँ ।मेरी वैयक्तिक योग्यताओ से संबंधित
विवरण निम्नलिखित है -
नाम - क.ख.ग.
पिता का नाम - श्री अशोक कुमार
जन्मतिथि - 4 जुलाई 1999
पता - गली -3,बोस रोड, खड्गपुर
पश्चिम बंगाल
शैक्षिक योग्यता-
कक्षा |
बोर्ड / विश्वविद्यालय |
वर्ष |
श्रेणी |
प्रतिशत |
सैकेंडरी |
सी.बी.एस.ई |
2014 |
प्रथम |
86% |
सीनियर सैकेंडरी |
सी.बी.एस.ई |
2016 |
प्रथम |
78% |
बी.ए. |
दिल्ली विश्वविद्यालय |
2019 |
प्रथम |
87% |
एक साल का टूरिज्म
डिप्लोमा दिल्ली टूरिज्म अकादमी द्वारा ।
मैं आपको पूर्ण
विश्वास दिलाता हूँ कि यदि मुझे इस पद पर कार्य करने का अवसर प्रदान किया गया तो
मैं पूरी लगन और ईमानदारी से कार्य करुँगा ।
सधन्यवाद
भवदीय
क.ख.ग.
संलग्न - शैक्षिक योग्यताओं की प्रमाणित प्रतिलिपियाँ।
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