अब कहाँ दूसरों से दुखी होने वाले || Class 10 || Sparsh || स्पर्श || Question Answers ||
अब कहाँ दूसरों
से दुखी होने वाले
प्रश्न अभ्यास
निम्नलिखित
प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
प्रश्न 1.
बड़े-बड़े बिल्डर समुद्र को
पीछे क्यों धकेल रहे थे?
उत्तर-
बड़े-बड़े बिल्डर समुद्र को
इसलिए धकेल रहे थे कि ताकि वे समुद्र के किनारे की जमीन पर कब्ज़ा कर सकें और उस
पर बड़ी-बड़ी इमारतें बनाकर लोगों को बसा सकें। ऐसा करके वे पैसा कमाना चाहते थे।
प्रश्न 2.
लेखक का घर किस शहर में था?
उत्तर-
लेखक का घर पहले ग्वालियर में
था परंतु बाद में वह मुंबई के वर्सावा में रहने लगा।
प्रश्न 3. जीवन कैसे घरों में सिमटने लगी है?
उत्तर-
पहले जनसंख्या कम थी। लोगों के
हिस्से में जमीन अधिक थी। वे बड़े-बड़े घरों और खुले में रहते थे, परंतु जनसंख्या बढ़ने के साथ ही वे
छोटे-छोटे डिब्बों जैसे घरों में रहने को विवश हो गए।
प्रश्न 4.
कबूतर परेशानी में इधर-उधर
क्यों फड़फड़ा रहे थे?
उत्तर-
कबूतर के जोड़े ने रोशनदान में
दो अंडे दिए थे। उनमें से एक को बिल्ली ने फोड़ दिया और दूसरा सँभाल कर रखते हुए
माँ से टूट गया। अपने अंडे फूटने से दुखी होने के कारण कबूतर फड़फड़ा रहे थे।
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) दीजिए -
प्रश्न 1 - अरब में लशकर को नूह के नाम से क्यों याद करते हैं ?
उत्तर - अरब में लशकर को नूह के नाम से इसलिए
याद करते हैं क्योंकि वह नूह के समान अत्यंत दयालु व संवेदनशील थे | एक बार एक
कुत्ते को उन्होंने दुत्कार दिया | उस कुत्ते का जवाब सुनकर वे सारी उम्र पश्चाताप करते हुए रोते रहे |अत: अपने करुणाभाव
के ही कारण ही वे नूह के नाम से जाने जाते हैं |(नूह को ईश्वर का सन्देश वाहक कहा
जाता है।)
प्रश्न 2 - लेखक की माँ किस समय पेड़ों के पत्ते तोड़ने के लिए मना करती थी और क्यों ?
उत्तर - लेखक की माँ पशु-पक्षियों के प्रति ही
नहीं पेड -पौधों के प्रति भी संवेदनशील थीं| वह सूरज छिपने के बाद पेड़ो के पत्ते
तोड़ने के लिए मना करती थी | उनका मानना था कि ऐसा करने से पेड़ो को दुःख होगा तथा
वे रोते हुए बद्दुआ देते हैं |
प्रश्न 3 - प्रकृति में आए असंतुलन का क्या परिणाम हुआ ?
उत्तर -प्रकृति में आए असंतुलन का दुष्परिणाम
बहुत ही भयंकर हुआ; जैसे-
·
विनाशकारी
समुद्री तूफ़ाने आने लगे।
·
अत्यधिक गरमी
पड़ने लगी।
·
असमय बरसातें
होने से जन-धन और फ़सलें क्षतिग्रस्त होने लगीं।
·
आधियाँ और
तूफ़ान आने लगीं।
·
नए-नए रोग
उत्पन्न हो गए,
जिससे मनुष्य ,पशु-पक्षी व अन्य जीव-जंतु असमय मरने
लगे।
प्रश्न 4 - लेखक की माँ ने पूरे दिन का रोज़ा क्यों रखा ?
उत्तर - बिल्ली ने जब कबूतर के एक अंडे को तोड़
दिया तो लेखक की माँ ने स्टूल पर चढ़ कर दूसरे अंडे को बचाने की कोशिश की। परन्तु
इस कोशिश में दूसरा अंडा लेखक की माँ के हाथ से छूट गया और टूट गया। ये सब देख कर
कबूतरों का जोड़ा परेशान हो कर इधर-उधर फड़फड़ाने लगा। कबूतरों की आँखों में उनके
बच्चों से बिछुड़ने का दुःख देख कर लेखक की माँ की आँखों में आँसू आ गए। इस पाप को
खुदा से माफ़ कराने के लिए लेखक की माँ ने पूरे दिन का उपवास रखा।
प्रश्न 5 - लेखक ने ग्वालियर से बम्बई तक किन बदलावों को महसूस किया? पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर -लेखक ने ग्वालियर से मुंबई तक अनेक
बदलाव देखे-
·
उसके
देखते-देखते बहुत सारे पेड़ कट गए।
·
नई-नई बस्तियाँ
बस गईं।
·
चौड़ी सड़कें बन
गईं।
·
पशु-पक्षी शहर
छोड़कर भाग गए। जो बच गए उन्होंने जैसे-तैसे यहाँ-वहाँ घोंसला बना लिया।
प्रश्न 6 - 'डेरा डालने ' से आप क्या समझते हैं?स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - ‘डेरा’ अर्थात अस्थाई घर। अस्थाई इसलिए क्योंकि कब कौन
तोड़ कर चला जाए कोई नहीं जानता। बड़ी-बड़ी इमारतें बन जाने के कारण कई पक्षी बेघर
हो गए और जब उन्हें अपना घोंसला बनाने की जगह नहीं मिली तो उन्होंने इन इमारतों
में अपना डेरा डाल लिया।
प्रश्न 7 - शेख अयाज़ के पिता अपनी बाजू पर काला च्योंटा रेंगता देख भोजन छोड़ कर क्यों
उठ खड़े हुए?
उत्तर - एक दिन शेख अयाज़ के पिता कुँए से
नहाकर लौटे। उनकी माँ ने भोजन परोसा। अभी उनके पिता ने रोटी का पहला टुकड़ा तोड़ा
ही था कि उनकी नज़र उनके बाजू पर धीरे-धीरे चलते हुए एक काले च्योंटे पर पड़ी।
जैसे ही उन्होंने कीड़े को देखा वे भोजन छोड़ कर खड़े हो गए क्योंकि उन्हें लगा कि
जैसे उन्होंने किसी घरवाले को बेघर कर
दिया हो और उसे उसके घर छोड़ने के लिए जाने लगे |
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में ) दीजिए -
प्रश्न 1 - बढ़ती हुई आबादी का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर – बढती हुई आबादी ने पर्यावरण पर अत्यंत
विपरीत प्रभाव डाला | ज्यों-ज्यों आबादी बढ़ी त्यों-त्यों मनुष्य की आवास और भोजन
की जरूरतें बढ़ती गई | इसके लिए वनों की अंधाधुंध कटाई की गई ताकि लोगों के लिए घर
बनाया जा सके |इसके अलावा सागर के किनारे अतिक्रमण कर नई बस्तियाँ बसाई गईं | इन
दोनों ही कार्यौं से पर्यावरण असंतुलित
हुआ | इससे असमय वर्षा,बाढ़,भूकंप ,सूखा,अत्यधिक गरमी व सरदी के अलावा तरह-तरह के
रोग फैलने लगे |
प्रश्न 2 - लेखक की पत्नी को खिड़की पर जाली क्यों लगानी पड़ी ?
उत्तर - दो कबूतरों ने लेखक के फ्लैट में एक
ऊँचे स्थान पर अपना घोंसला बना रखा था। उनके बच्चे अभी छोटे थे। उनके पालन-पोषण की
जिम्मेदारी उन बड़े कबूतरों की थी। बड़े कबूतर दिन में बहुत बार उन छोटे कबूतरों
को खाना खिलाने आते जाते रहते थे। लेकिन उनके आने-जाने के कारण लेखक और लेखक के
परिवार को बहुत परेशानी होती थी। कभी कबूतर किसी चीज़ से टकरा जाते थे और चीज़ों
को गिराकर तोड़ देते थे। कबूतरों के बार-बार आने-जाने और चीज़ों को तोड़ने से
परेशान हो कर लेखक की पत्नी ने जहाँ कबूतरों का घर था वहाँ जाली लगा दी, कबूतरों के बच्चों को भी वहाँ से हटा दिया था।
जहाँ से कबूतर आते-जाते थे उस खिड़की को भी बंद किया जाने लगा था।
प्रश्न 3 - समुद्र के गुस्से की क्या वजह थी ? उसने अपना गुस्सा
कैसे निकाला ?
उत्तर - समुद्र के गुस्से की वजह थी -बिल्डरों की लालच एवं स्वार्थपरता। बिल्डरों ने लालच के कारण सागर के किनारे
की भूमि पर बस्तियाँ बसाने के लिए ऊँची-ऊँची इमारतें बनानी शुरू कर दीं। इससे समुद्र का आकार घटता गया और वह सिमटता
जा रहा था। मनुष्य के स्वार्थ एवं लालच से समुद्र को गुस्सा आ गया। उसने अपनी लहरों पर दौड़ते हुए तीन जहाजों को बच्चों की गेंद की भाँति उठाकर
फेंक दिया जिससे वे औंधे मुँह गिरकर टूट गए तथा ये जहाज़ पहले जैसे चलने योग्य न
बन सके।
प्रश्न 4 -मिट्टी से मिट्टी मिले,
खो के सभी निशान।
किसमें कितना कौन है,
कैसे हो पहचान।।
इन पंक्तियों के माध्यम से लेखक क्या कहना
चाहता है ?स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - लेखक इन पंक्तियों के माध्यम से कहना
चाहता है कि उस ईश्वर ने हम सभी प्राणधारियों को एक ही मिट्टी से बनाया है। यदि
सभी से प्राण निकाल कर वापिस मिट्टी बना दिया जाए तो किसी का कोई निशान नहीं रहेगा
जिससे पहचाना जा सके कि कौन सी मिट्टी किस प्राणी की है। भाव यह हुआ कि लेखक कहना
चाहता है व्यक्ति को अपने व्यक्तित्व पर घमण्ड नहीं करना चाहिए।
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