कारतूस || KARTUS || लेखक परिचय , पाठ प्रवेश , पाठ सार , प्रश्न उत्तर || कक्षा 10 || स्पर्श || पद्य ||

 कक्षा 10
स्पर्श
पद्य


लेखक परिचय

लेखक - हबीब तनवीर
जन्म - 1923 (छत्तीसगढ़, रायपुर)
मृत्यु – 1944
प्रसिद्ध नाटक – आगरा बाजार, चरनदास चोर, हिरमा की अमर कहानी
 
 
पाठ प्रवेश –
अंग्रेज भारत में व्यापारी का वेश धारण करके आए थे | किसी को शक न हो इसलिए वे शुरू-शुरू में व्यापार ही कर रहे थे |व्यापार के लिए उन्होंने जिस इस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना की थी,उस कंपनी ने धीरे-धीरे देश की रियासतों पर अपना अधिकार स्थापित करना शुरू कर दिया | उनके इरादों का जैसे ही देशवासियों को अंदाजा हुआ उन्होंने देश से अंग्रेजों को बाहर निकालने के प्रयास शुरू कर दिए |
प्रस्तुत पाठ में ऐसे ही अपनी जान पर खेल जाने वाले शूरवीर के कारनामों का वर्णन किया है| जिसका केवल एक ही लक्ष्य था – अंग्रेजों को देश से बाहर निकालना | कंपनी के हुक्म चलाने वालों की उसने नींद हराम कर रखी थी| वह इतना निडर था कि मुसीबत को खुद बुलावा देते हुए न सिर्फ़ कंपनी के अफ़सरों के बीच पहुँचा बल्कि उनके कर्नल पर ऐसा रौब दिखाया कि कर्नल के मुँह से भी उसकी तारीफ़ में शब्द निकल गए |

 
पाठ सार -
अंग्रेज़ी सेना के कर्नल और लेफ्टिनेंट गोरखपुर के जंगल में डेरा डाले हुए हैं ताकि व़जीर अली को गिरफ्तार कर सकें | कर्नल बताते हैं कि वजीर अली केवल पाँच महीने पहले ही शासक बना था किंतु वह किस कदर अंग्रेजों के विरुद्ध है तथा उन्हें देश से बाहर निकालना चाहता है | सआदत अली अंग्रेजों का गुलाम है तथा वजीर अली का दुश्मन है | वजीर अली के जन्म को सआदत अली ने अपनी मौत का सूचक भी स्वीकार किया | वजीर अली अफगानिस्तान के बादशाह को हिंदुस्तान पर हमला करने की दावत दे रहा था | अंग्रेज़ी सरकार ने  वजीर अली को पद से हटाने के बाद तीन लाख रुपया सालाना वजीफा देकर बनारस भेज दिया | कुछ महीने बाद वजीर अली को कोलकाता में गवर्नर जनरल द्वारा तलब करने के बाद वजीर अली को गुस्सा आ गया| वजीर अली कंपनी के वकील के पास गया तो जब वकील तो गुस्से में आकर उसने कंपनी के वकील का कत्ल कर दिया और आजमगढ़ भाग गया| कर्नल वजीर अली की योजना के बारे में भी बताता है| इन बातों के बीच में ही घोड़ों की टाप से धुल उड़ती हुई दिखाई देती है | वजीर अली कर्नल के खेमे में पहुँचकर कर्नल से एकांत में मिलने की इच्छा व्यक्त करता है | कर्नल से बातें करते हुए वह कर्नल से उनके खेमा लगाने का कारण पूछता है तो कर्नल उसे बताता है कि वजीर अली को पकड़ने के लिए उन्होंने खेमा लगाया हुआ है | इसके उत्तर में वजीर अली कहता है कि वजीर अली को पकड़ना नामुमकिन है क्योंकि वह जाबाज सिपाही है
वजीर अली फिर कर्नल से उसे पकड़ने के लिए ही दस कारतूस मांगता है और कर्नल से जब वह दस कारतूस  लेकर निकलता है तो कर्नल को अपना असली परिचय भी दे देता है, जिसको सुनकर कर्नल के मुँह से भी यही निकलता है |


प्रश्न अभ्यास -

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 25-30 शब्दों में दीजिए-

प्रश्न 1) वज़ीर अली के अफ़साने सुन कर कर्नल को रॉबिनहुड की याद क्यों आ जाती थी ?
उत्तर - कर्नल को वजीर अली की कहानियाँ सुन कर रॉबिनहुड के कारनामे याद आ जाती थी क्योंकि रॉबिनहुड की ही तरह वजीर अली के मन में भी अंग्रेजों के खिलाफ बहुत अधिक नफरत थी तथा वह भी रॉबिनहुड की तरह अंग्रेजों को अपने देश से निकालना चाहता था। वज़ीर अली भी रॉबिनहुड की ही तरह बहादुर, साहसी व चकमा देने में माहिर था | वह कई महीनों से अंग्रेजों को चकमा दे रहा था और उनकी पकड़ में नहीं आ रहा था।व़जीर अली ने कंपनी के वकील को भी उसके घर में जाकर मार दिया था |

प्रश्न 2) सआदत अली कौन था ? उसने वज़ीर अली की पैदाइश को अपनी मौत क्यों समझा ?
उत्तर - सआदत अली, वज़ीर अली का चाचा और नवाब आसिफ़उद्दौला का छोटा भाई था।जब तक नवाब आसिफ़उद्दौला की कोई संतान नहीं थी तब तक उसे नवाब बनने की पूरी आशा थी किंतु वज़ीर अली के पैदा होने पर उसकी आशाओं पर पानी फिर गया इसलिए व़जीर अली की पैदाइश को सआदत अली ने अपनी मौत समझ लिया था क्योंकि वज़ीर अली के पैदा होने के बाद अब वह अवध के सिंहासन को हासिल नहीं कर सकता था।

प्रश्न 3) सआदत अली को अवध के तख़्त पर बिठाने के पीछे कर्नल का क्या मकसद था ?
उत्तर - सआदत अली अंग्रेजों का दोस्त था और भोग-विलास में रहना पसंद करता था । इसी कारण उसने अपनी आधी जायदाद और दौलत अंग्रेजों को दे दी और साथ ही दस लाख रूपये नगद भी दिए ताकि अंग्रेज़ उसको सिंहासन पर बना रहने दे | इस तरह अंग्रेजों का सआदत अली को अवध के तख्त पर बिठाने के पीछे मकसद अवध की धन-दौलत पर कब्ज़ा करना था|  ही द

प्रश्न 4) कंपनी के वकील का क़त्ल करने के बाद वज़ीर अली ने अपनी हिफ़ाजत कैसे की?
उत्तर - वज़ीर अली वकील की हत्या करने के बाद अपने साथियों के साथ आज़मगढ़ की तरफ़ भाग गया। आज़मगढ़ के शासकों ने उन सभी को अपनी सुरक्षा देते हुए घागरा तक पहुँचा दिया। तब से वह वहाँ के जंगलों में ही रहकर अपनी शक्ति बढ़ाने का प्रयास करने लगा।

प्रश्न 5) सवार के जाने के बाद कर्नल क्यों हक्का-बक्का रह गया ?
उत्तर - वज़ीर अली बहुत ही चतुराई और बहादुरी से कर्नल के तम्बू में सवार बन कर गया था और कर्नल को बेवकूफ बना कर दस कारतूस भी ले लिए थे। जाने के समय तक कर्नल को यह जानकारी नहीं थी कि वह सवार असल में कौन है। जब जाते हुए सवार ने अपना नाम वज़ीर अली बताया तो कर्नल उसकी बहादुरी को देख कर हक्का-बक्का रह गया ।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए -
प्रश्न 1) लेफ़्टिनेंट को ऐसा क्यों लगा कि कंपनी के ख़िलाफ़ सारे हिन्दुस्तान में एक लहर दौड़ गई है ?
उत्तर - लेफ्टिनेंट को कर्नल ने जब यह बताया कि वज़ीर अली ही नहीं बल्कि दक्षिण में टीपू सुल्तान, बंगाल में नवाब के भाई शमसुद्दौला भी कंपनी के ख़िलाफ़ हैं और इन्होने अफ़गानिस्तान के बादशाह शाहे-ज़मा को हिन्दुस्तान पर हमला करने के लिए भी आमंत्रित किया है तो ये सब जान कर लेफ़्टिनेंट को लगा कि कंपनी के ख़िलाफ़ सारे हिन्दुस्तान में एक लहर दौड़ गई है।
प्रश्न 2) वज़ीर अली ने कंपनी के वकील का क़त्ल क्यों किया ?
उत्तर - वजीर अली को उसके नवाब के पद से हटाने के बाद अंग्रेजों ने वजीर अली को बनारस भेज दिया था, कुछ महीनो के बाद गवर्नर जनरल वजीर अली को कलकत्ता (कोलकता)  बुलाने लगा। वज़ीर अली ने कंपनी के वकील से शिकायत की कि गवर्नर जनरल उसे कलकत्ता बुला रहा है। वकील ने वज़ीर अली की शिकायत पर कोई गौर नहीं किया और उल्टा वज़ीर अली को ही बुरा-भला कहने लगा। इस पर वज़ीर अली को गुस्सा आ गया और उसने वहीं वकील का क़त्ल कर दिया।
 प्रश्न 3) सवार ने कर्नल से कारतूस कैसे हासिल किया ?
उत्तर - वज़ीर अली सवार बन कर अकेले ही अंग्रेजों के तम्बू में गया और कर्नल को ऐसे दिखाया जैसे वह भी वज़ीर अली के खिलाफ है। उसने कर्नल को कहा कि उसे वज़ीर अली को गिरफ़्तार करने के लिए कुछ कारतूस चाहिए। कर्नल को लगा कि वह भी वज़ीर अली को पकड़ना चाहता है इसलिए कर्नल ने सवार को दस कारतूस दे दिए। इस तरह सवार ने स्वयं को ही पकड़वाने की सहायता देने का जाल बिछाकर चतुराई से दस कारतूस कर्नल से हासिल कर लिए ।
प्रश्न 4) वज़ीर अली एक जाँबाज़ सिपाही था, कैसे ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - वज़ीर अली का निर्भयता से शत्रु के खेमे में अकेले जाना ;दुश्मनों से ही कारतूसों को प्राप्त करना, वकील की अपमानजनक बात को सहन न करना और उसी के घर मे उसका कत्ल करना, अंग्रेजों को महीनों तक दौड़ाते रहना परंतु फिर भी उनके हाथ न आना और देश की आज़ादी के लिए अपने प्राण न्योछावर करने के लिए भी तत्पर होना , व़जीर अली को जाँबाज़ सिपाही सिद्ध करते हैं ।
(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए

(i) मुठ्ठी भर आदमी मगर ये दमखम।
उत्तर - कर्नल अपनी पूरी फ़ौज को ले कर वज़ीर अली का पीछा कर रह है और वज़ीर अली उनको महीनों से धोखा दे रहा है और इन्ही जंगलों में भटक रहा है परन्तु उनकी पकड़ में नहीं आ रहा है। वज़ीर अली के साथ कुछ अपनी जान को जोख़िम में डालने वाले लोग हैं और ये इतने थोड़े से आदमी हैं परन्तु इनकी शक्ति और दृड़ता की कोई सीमा नहीं है।  

ii) गर्द तो ऐसी उड़ रही है जैसे की पूरा एक काफ़िला चला आ रहा हो मगर मुझे तो एक ही सवार नज़र आता है।

उत्तर - जब सिपाही ने कर्नल को कहा कि दूर से धूल उड़ती हुई दिखाई दे रही है। तो कर्नल ने तुरंत सिपाही से कहा कि वह दूसरे सिपाहियों से तैयार रहने के लिए कहे। लेफ्टिनेंट खिड़की से बाहर देखने में व्यस्त था और कहने लगा धूल तो ऐसी उड़ रही है जैसे कि एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में जाने वाले यात्रियों का समूह आ रहा हो। परन्तु दिखाई तो एक ही घुड़सवार दे रहा है। कर्नल भी खड़की के पास गया और देख कर बोला, हाँ एक ही घुड़सवार लग रहा है जो तेज़ी से घोड़े को दौड़ा कर चला आ रहा है |




HARSH LATA ATRI

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