तताँरा वामीरो कथा || लेखक परिचय, पाठ प्रवेश, कथा का सार, प्रश्नोत्तर, आशय स्पष्ट || कक्षा 10 || स्पर्श || Tantaran Vamiro Katha || Class 10 || Knowin Hindi || knowinghindi.blogspot.com
लेखक परिचय
लेखक – लीलाधर मंडलोई
जन्म – 1954 (छिंदवाड़ा - गुढ़ी)
1987 मे इन्हें कॉमनवेल्थ रिलेशनस ट्रस्ट , लंदन की ओर से उच्च शिक्षा के लिए आमंत्रित किया गया |
लीलाधर मंडलोई मूलत: कवि हैं | उनकी रचनाओं मे छत्तीसगढी बोली की मिठास देखने को मिलती है |
इन्होंने लोककथा , लोकगीत , यात्रा-वृतांत, डायरी,मीडिया
आदि विधाओं में पर्याप्त लिखा है |
पाठ
प्रवेश
जो सभ्यता जितनी अधिक
पुरानी होगी उतनी ही अधिक किस्से -कहानियाँ उससे जुड़ी होती है जो हमें सुनने को
मिलती हैं। जो किस्से – कहानियाँ हमें सुनने को मिलती हैं जरुरी नहीं कि वो
उसी तरह घटित हुई हो जिस तरह वो हमें सुनाई जा रही हों।इतना जरूर होता है कि इन
किस्सों और कहानियों में कोई न कोई सीख छुपी होती है। अंदमान निकोबार द्वीपसमूह
में भी बहुत तरह के किस्से –
कहानियाँ मशहूर हैं। इनमें से कुछ को लीलाधर
मंडलोई ने लिखा है।
प्रस्तुत पाठ ‘तताँरा वामीरो कथा’
अंडमान निकोबार द्वीप समूह के एक छोटे से
द्वीप पर केंद्रित है। उस द्वीप पर एक -दूसरे से शत्रुता का भाव अपनी अंतिम सीमा
पर पहुँच चूका था। इस शत्रुता की भावना को जड़ से उखाड़ने के लिए एक जोड़े को
आत्मबलिदान देना पड़ा था। उसी जोड़े के बलिदान का वर्णन लेखक ने प्रस्तुत पाठ में
किया है।
प्यार सबको एक साथ लाता है और
नफरत सब के बीच दूरियों को बढ़ाती है, इस बात से भला कौन इनकार कर सकता है। इसलिए जो कोई भी समाज के लिए
अपने प्यार का , अपने जीवन का बलिदान करता है ,समाज न केवल उसे याद रखता है बल्कि उसके द्वारा किये गए त्याग और
बलिदान को बेकार नहीं जाने देता। यही वह कारण है जिसकी वजह से तत्कालीन समाज के
सामने मिसाल कायम करने वाले इस जोड़े को आज भी इस द्वीप के निवासी गर्व और श्रद्धा
से याद करते हैं।
प्रश्न अभ्यास
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (20 – 30 शब्दों में) लिखिए -
प्रश्न 1 – तताँरा की तलवार के बारे में लोगों का क्या मत था ?
उत्तर
– तताँरा की अद्भुत रहस्यमयी तलवार के बारे में लोगों का मानना था कि लकड़ी की होने
के बावजूद उसमें अनोखी दैवीय शक्तियाँ हैं तथा उसी तलवार से वह सभी साहसिक कारनामे
करता है।वह दूसरों के सामने तलवार का प्रयोग नहीं करता था। तथा अपनी तलवार को कभी
अपने से अलग भी नहीं करता था |
प्रश्न 2 – वामीरो ने तताँरा को बेरुखी से क्या जवाब दिया ?
उत्तर
– वामीरो ने तताँरा को बेरुखी से उत्तर दिया कि पहले वह यह बताए कि वह कौन है, इस तरह उसे क्यों देख रहा है और वह
वामीरों से इस तरह का असंगत प्रश्न क्यों पूछ रहा है?" वह अपने गाँव के पुरुष के अलावा किसी अन्य
को जवाब देने के लिए बाध्य नहीं है
प्रश्न 3 – तताँरा – वामीरो की त्यागमयी मृत्यु से निकोबार में क्या परिवर्तन आया ?
उत्तर
– निकोबार निवासियों ने तताँरा –
वामीरो की त्यागमयी मृत्यु के बाद अपनी अलग-अलग
गाँव के युवक-युवतियों के विवाह की निषेध परम्परा को बदला और अब दूसरे गाँव में भी
विवाह सम्बन्ध बनने लगे। तताँरा –
वामीरो की त्यागमयी मृत्यु से यह सुखद बदलाव आया।
प्रश्न 4 – निकोबार के लोग तताँरा को क्यों पसंद करते थे ?
उत्तर
– तताँरा भला और मददगार व्यक्ति था। वह हमेशा ही दूसरों की
सहायता के लिए तत्पर रहता था। वह अपने गाँव वालों की ही नहीं बल्कि समूचे
द्वीपवासियों की मदद करना अपना परम कर्तव्य मानता था |अत: इस त्याग , आत्मीय
स्वाभाव व आकर्षक व्यक्तित्व के कारण वह लोकप्रिय था तथा निकोबार के लोग उसे पसंद
करते थे |
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50 -60 शब्दों में) दीजिए -
प्रश्न 1 – निकोबार द्वीप समूह के विभक्त होने के बारे में निकोबारियों का क्या
विश्वास था ?
उत्तर
– निकोबारियों का विश्वास था कि पहले अंदमान और निकोबार एक ही द्वीप थे। इनके
अलग -अलग होने के पीछे तताँरा -वामीरो की एक लोककथा प्रचलित है। दोनों एक दूसरे से
प्रेम करते थे। परन्तु दोनों अलग -अलग गाँव से थे और उस समय के रीतिरिवाज़ों के
अनुसार अलग -अलग गाँव के निवासियों में विवाह सम्बन्ध संभव नहीं था। जब तताँरा को वामीरो
की माँ व गाँव वाले बुरा भला कहने लगे तो अपने क्रोध को शांत करने के लिए उसने
अपनी तलवार पूरी शक्ति से धरती में गाड़ दी और दूर तक खींचता हुआ चला गया। जिससे
धरती दो टुकड़ों में विभक्त हो गई और
अंदमान -निकोबार नाम से दो द्वीप बन गए।
प्रश्न 2 – तताँरा खूब परिश्रम करने के बाद कहाँ गया ?वहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन अपने शब्दों में कीजिये।
उत्तर – तताँरा दिन भर की कठोर मेहनत करने के बाद समुद्र के किनारे घूमने के लिए गया था। समुद्र में जहाँ धरती और आसमान के मिलने का आभास हो रहा था, वहाँ सूरज डूबने वाला था। समुद्र से ठंडी ठंडी हवा आ रही थी। शाम के समय पक्षियों की जो चहचहाहटें होती हैं वे भी धीरे -धीरे शांत हो रही थी। तताँरा का मन भी शांत था तथा अपने ही विचारों में खोया हुआ वह समुद्री बालू पर बैठ कर सूरज की आखिरी रंग -बिरंगी किरणों को समुद्र के पानी पर देख रहा था । बीच -बीच में लहरों का संगीत भी सुनाई पड़ रहा था जिससे पूरा वातावरण बहुत ही सुन्दर और मोहक प्रतीत हो रहा था।
प्रश्न 3 – वामीरो से मिलने के बाद तताँरा के जीवन में क्या परिवर्तन आया ?
उत्तर – वामीरो से मिलने के बाद तताँरा के जीवन में अद्भुत
परिवर्तन आया । वह वामीरो से मिलकर सम्मोहित-सा हो गया था | उसके गहरे और शांत
जीवन में ऐसा पहली बार हुआ था जब वह बैचेनी से किसी का इंतज़ार कर रहा था। वह रोमांचित
तथा अचंभित अवस्था में था । दिन ढलने से बहुत पहले ही वह लपाती गाँव की उस समुद्री
चट्टान पर पहुँच जाता था जहाँ वह वामीरो से मिलता था। वामीरो के इन्तजार में उसे एक-एक पल पहाड़ जैसा प्रतीत होता था। वह बार– बार लपाती गाँव के रास्तों पर वामीरो के इंतजार
में खड़ा रहता था।
प्रश्न 4 – प्राचीन काल में मनोरंजन और शक्ति प्रदर्शन के लिए किस प्रकार के
आयोजन किये जाते थे ?
उत्तर – प्राचीन काल में मनोरंजन और शक्ति प्रदर्शन के लिए ‘पशु पर्व ‘का आयोजन किया जाता था। पशु पर्व में ह्रष्ट-पुष्ट पशुओं के प्रदर्शन के अलावा पशुओं से युवकों की शक्ति परखने की प्रतियोगितायें भी होती थी। साल में एक बार इस प्रकार का आयोजन किया जाता था/मेला लगता था और गाँव के सभी लोग इसमें भाग लेते थे। प्रतियोगिता के बाद नाच -गाना और फिर भोजन का प्रबंध भी किया जाता था।
अन्य आयोजनों में दौड़, कुश्ती, कबड्डी,स्वांग व नाटक प्रमुख होते थे |
प्रश्न 5 – रूढ़ियाँ जब बंधन लगने लगे तब उनका टूट जाना ही अच्छा है। क्यों ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
– रूढ़ियाँ और बंधन समाज को अनुशासित करने के लिए बनते हैं ,किंतु ये तभी तक सही हैं जब तक वे इन
उत्तरदायित्वों को पूरा करते हैं परन्तु जब इन्ही के
कारण मनुष्यों की भावनाओं को ठेस पहुँचने लगे और ये सब बोझ लगने लगे तो उनका टूट
जाना ही अच्छा होता है। रूढ़ियाँ जब हमारी सोच को सीमित कर प्रगति के मार्ग को
अवरुद्ध कर देतीं हैं तब इसमें आधुनिकता का समावेश करना आवश्यक हो जाता है | पाठ में
जैसे रूढ़ियों के कारण तताँरा -वामीरो का विवाह नहीं हो सकता था ,जिसके कारण दोनों को अपनी जान गँवानी पड़ी।इस प्रकार जहाँ रूढ़ियाँ किसी का
भला करने की जगह नुकसान करे और रूढ़ियाँ आडंबर लगने लगे तो वहाँ इनका टूट जाना ही
बेहतर होता है।
(ग) निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए –
(1) जब कोई राह न सूझी तो क्रोध का शमन करने के लिए उसने शक्ति भर उसे
धरती में घोंप दिया और ताकत से उसे खींचने लगा।
उत्तर
– तताँरा -वामीरो को पता था कि रीतिरिवाज़ों के कारण उनका विवाह संभव नहीं है
फिर भी वे मिलते रहे। जब गाँव वालो को पता चला तो वे तताँरा को बुरा-भला कहने लगे।
क्रोध में आकर तताँरा ने अपनी तलवार को धरती में पूरी शक्ति से गाड़ दिया और अपनी
और खींचता हुआ द्वीप के आखिरी कोने तक पहुँच गया जिसके कारण द्वीप के दो टुकड़े हो
गए।
(2) बस आस की एक किरण थी जो समुद्र की देह पर डूबती किरणों की तरह कभी
भी डूब सकती थी।
उत्तर
– तताँरा दिन ढलने से बहुत पहले ही लपाती गाँव की उस समुद्री चट्टान पर पहुँच
गया था जहाँ उसने वामीरो को आने के लिए कहा था। वामीरो के इन्तजार में उसे हर एक
पल बहुत अधिक लम्बा लग रहा था। उसके अंदर एक शक भी पैदा हो गया था कि अगर वामीरो
आई ही नहीं तो। उसके पास प्रतीक्षा करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था। उसे
सिर्फ उम्मीद की एक किरण नजर आ रही थी और वो भी समय बीतने के साथ -साथ समुद्र के
शरीर पर जैसे किरणे डूब रही थी उसी प्रकार कभी भी डूब सकती थी।
Noiss content mam
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