Topi Shukla || टोपी शुक्ला || Class 10 || कक्षा 10 || हिंदी || संचयन || लेखक परिचय || पाठ प्रवेश || प्रश्न उत्तर || knowinghindi.blogspot.com
लेखक परिचय -
लेखक – राही मासूम रज़ा
जन्म
– 1 सितम्बर
1927 (पूर्वी उत्तर प्रदेश, गाजीपुर (गंगौली)
मृत्यु
– 15 मार्च
1992
पाठ प्रवेश -
‘टोपी शुक्ला’कहानी के
लेखक ‘राही मासूम रजा’हैं। इस कहानी के माध्यम से लेखक बचपन की बात करता है। बचपन
में बच्चे को जहाँ से अपनापन और प्यार मिलता है वह वहीं रहना चाहता है।
प्रस्तुत पाठ में भी लेखक ने दो
परिवारों का वर्णन किया है जिसमें से एक हिन्दू और दूसरा मुस्लिम परिवार है। दोनों
परिवार समाज के बनाए नियमों के अनुसार एक दूसरे से नफ़रत करते हैं परन्तु दोनों
परिवार के दो बच्चों में गहरी दोस्ती हो जाती है। ये दोस्ती दिखती है कि बच्चों की
भावनाएँ किसी भेद को नहीं मानती।
आज के समाज के लिए ऐसी ही दोस्ती
की आवश्यकता है। जो धर्म के नाम पर खड़ी दीवारों को गिरा सके और समाज का सर्वांगीण
विकास कर सके।
प्रश्न उत्तर -
प्रश्न 1 – इफ़्फ़न टोपी
शुक्ला की कहानी का महत्वपूर्ण हिस्सा किस तरह से है?
उत्तर – इफ्फन टोपी शुक्ला की कहानी का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि टोपी शुक्ला की पहली दोस्ती इफ्फन के
साथ ही हुई थी| दोनो अलग-अलग धर्म व मजहब के होते हुए भी एक दूसरे से अटूट मित्रता के संबध से जुड़े हुए थे।
इफ्फन के बिना टोपी का जीवन
न केवल अधूरा है अपितु टोपी की कहानी को समझा भी नही जा सकता ।
प्रश्न 2 – इफ़्फ़न की
दादी अपने पीहर क्यों जाना चाहती थीं?
उत्तर – इफ्फन की दादी जमींदार की बेटी थीं । उन्होंने अपने पिता के घर खूब दूध-दही खाया था ।किंतु उनका विवाह न केवल मौलवी परिवार में हुआ था अपितु उनके पति मौलवी भी थे जिसके कारण उन्हें परंपराओं के नियंत्रण में रहना पड़ता था । अतः उन्हें अपने पिता के घर का वह स्वच्छंद जीवन, कच्ची हवेली, और बाग-बगीचे बहुत याद आते थे। इसलिए वह अपने पीहर जाना चाहती थी।
प्रश्न 3 – दादी अपने बेटे
की शादी में गाने-बजाने की इच्छा पूरी क्यों नहीं कर पाई?
उत्तर – दादी की शादी एक मौलवी परिवार में हुई थी और मौलवियों के घर में शादी-ब्याह के अवसर पर कोई गाना-
बजाना नहीं होता था। इसी वजह से दादी अपने बेटे की शादी में गाने-बजाने की इच्छा पूरी नहीं कर पाई।
प्रश्न 4 – ‘अम्मी’ शब्द पर
टोपी के घरवालों की क्या प्रतिक्रिया हुई?
उत्तर – मुस्लिम परिवार में माँ को अम्मी कहते हैं। इसलिए जब टोपी के परिवार वालो ने (जो कट्टर हिंदू थे ) जब
टोपी के मुह से अम्मी शब्द सुना तो मानो सभी के होश उड़ गए। उन्हें अपने घर की परंपरा की दीवारें डोलती हुई
नजर आने लगीं। खाना खाते हुए मेज पर सभी के हाथ रूक गए । उसकी दादी खाने की मेज़ से खाना छोड़कर खडी
हो गई, उसकी माँ ने उसे बहुत मारा तथा उसके पिताजी को जब यह पता चला कि वह कलेक्टर का बेटा है, तो वह
अपना गुस्सा पी गए और तीसरे दिन इफ्फन के पिता से शक्कर व कपडे के परमिट ले आए ।
प्रश्न 5 – दस अक्तूबर सन
पैंतालीस का दिन टोपी के जीवन में क्या महत्त्व रखता है?
उत्तर – दस अक्तूबर सन पैंतालीस का दिन टोपी के जीवन में बहुत अधिक महत्त्व रखता है, क्योंकि इस तारीख को
इफ़्फ़न के पिता का तबादला हो गया था और इफ्फन उसे छोड़कर अपने परिवार सहित मुरादाबाद चला गया था।
इफ़्फ़न की दादी के मरने के थोड़े दिनों बाद ही इफ़्फ़न के पिता का तबादला हुआ था। टोपी दादी के मरने के बाद
तो अपने आप को अकेला महसूस कर ही रहा था और अब इफ्फन के भी चले जाने से वह बिल्कुल अकेला हो गया
था इसलिए उसने दस अक्तूबर सन पैंतालीस को कसम खाई कि अब वह किसी भी ऐसे लड़के से कभी भी दोस्ती नहीं
करेगा जिसके पिता कोई
ऐसी नौकरी करते हो जिसमें बदली होती रहती हो।
प्रश्न 6
– टोपी ने इफ़्फ़न से दादी बदलने की बात क्यों कही?
उत्तर
– इफ़्फ़न के घर में टोपी का सबसे अधिक लगाव उसकी दादी से था। दादी की बोली उसे
बहुत पसंद थी और टोपी की माँ की बोली भी वही थी। टोपी को इफ़्फ़न की दादी का हर एक
शब्द शक़्कर की तरह मीठा लगता था। आम पापड व तिलवा की तरह मजेदार लगता था इसलिए वह
दादी की डाँट सुन कर भी उनके पास चुपचाप
चला जाता था।इसके विपरीत टोपी को अपनी दादी बिलकुल भी अच्छी नहीं लगती थी क्योंकि
वह उसे हमेशा डांटती रहती थी। उसे इफ्फ्न से दोस्ती करने के लिए भी रोकती थी इसीलिए
टोपी ने इफ़्फ़न से दादी बदलने की बात कही।
प्रश्न 7
– पूरे घर में इफ़्फ़न को अपनी दादी से ही विशेष स्नेह क्यों था?
उत्तर
– इफ़्फ़न की अम्मी तो उसे डाँटने के साथ-साथ मार भी दिया करती थी। बड़ी बहन, अम्मी की ही तरह कभी-कभी डाँटती और मारती थी। अब्बू भी घर को
न्यायालय समझकर अपना फैसला सुनाने लगते थे। नुजहत को जब भी मौका मिलता वह उसकी
कापियों पर तस्वीरें बनाने लगती थी। बस एक दादी ही थी जिन्होंने कभी भी किसी बात
पर उसका दिल नहीं दुखाया था जबकि उसे उसकी मनपसंद कहानियाँ | (बहराम डाकू, अनार परी, बारह बुर्ज आदि ) भी सुनाती
थी।इसलिए पूरे घर में इफ़्फ़न को अपनी दादी से ही विशेष स्नेह था।
प्रश्न 8
– इफ़्फ़न की दादी के देहांत के बाद टोपी को उसका घर खाली-सा क्यों लगा?
उत्तर
– इफ्फन की दादी स्नेहमयी थीं तथा टोपी से
बहुत र्यार करती थी। टोपी भी इफ्फन के घर पर केवल उसकी दादी के पास ही जाकर बैठता
था ।पूरे परिवार में केवल दादी ही थी जो टोपी की बात समझती थी और उसका मज़ाक नहीं
उड़ाती थीं इसलिए टोपी केवल उन्ही से बाते करता
तथा कहानियाँ सुनता था । दादी जितना प्यार इफ़्फ़न से करती थी उतना ही टोपी से भी करती थी।
इफ्फन की दादी से ही उसे अपनत्व व प्यार मिलता था। इसलिए इफ्फन की दादी के देहांत
के बाद टोपी को उसका घर खाली-सा लगने लगा था।
प्रश्न 9
– टोपी और इफ़्फ़न की दादी अलग-अलग मज़हब और जाति के थे पर एक अनजान
अटूट रिश्ते से बँधे थे। इस कथा के आलोक में अपने विचार लिखिए।
उत्तर
– टोपी हिन्दू धर्म से था और इफ़्फ़न की दादी मुस्लिम थी। परन्तु टोपी और दादी का
रिश्ता इतना अधिक अटूट था कि टोपी को इफ़्फ़न के घर जाने के लिए मार भी पड़ी थी
परन्तु टोपी दादी से मिलने, उनकी
कहानियाँ सुनने और उनकी मीठी पूरबी बोली सुनने रोज इफ़्फ़न के घर जाता था। दादी
रोज उसे कुछ-न-कुछ खाने को देती पर टोपी कभी नहीं खाता था। उसे तो दादी का हर एक
शब्द गुड़ की डली की तरह मीठा लगता था। इस प्रकार टोपी और इफ़्फ़न की दादी अलग-अलग
मज़हब और जाति के थे पर एक अनजान अटूट प्यार के रिश्ते से बँधे थे जिसे केवल वे दोनों खूब समझते
थे।
प्रश्न 9 – टोपी नवीं कक्षा में दो बार फेल हो गया। बताइए –
(क) ज़हीन होने के बावजूद भी
कक्षा में दो बार फ़ेल होने के क्या कारण थे?
उत्तर – ज़हीन होने के बावजूद भी टोपी कक्षा में दो बार
फ़ेल हो गया था। पहले
साल उसे पढ़ने के लिए समय ही नहीं मिला।वह जब भी पढ़ने बैठता, तो कभी उसके बड़े भाई
मुन्नी बाबू को कोई काम याद आ जाता या उसकी माँ को कोई ऐसी चीज़ मँगवानी पड़ जाती
जो नौकरों से नहीं मँगवाई जा सकती थी।कभी उसका छोटा भाई भैरव उसकी कापियों के
पन्नों को फाड़ कर उनके हवाई जहाज़ बना कर उड़ाने लग जाता।
दूसरे साल उसे टाइफ़ाइड हो गया
था। जिसके कारण वह पढ़ाई नहीं कर पाया और दूसरी साल भी फेल हो गया।
(ख) एक ही कक्षा में दो-दो बार
बैठने से टोपी को किन भावनात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
उत्तर
– एक ही कक्षा में दो-दो
बार बैठने से टोपी को लज्जा का अनुभव होता
था। उसके साथ पढ़ने वाले विद्यार्थी अगली कक्षा मे चले गए थे और उसे अपनी से पिछली
कक्षा के विद्यार्थियों के साथ बैठना पड़ता था, जिसमें उसे हीनता का
अनुभव होता था। कक्षा में कोई उसका दोस्त नहीं था जिससे वह बातचीत कर पाता । वह
स्वय को अकेला महसूस करता था।
कक्षा में पढ़ाते समय अध्यापक भी
बुदधू छात्र के रूप में उसका उदाहरण देते थे।जब वह प्रश्न का उत्तर देना चाहता था
तो अध्यापक उसे यह कहकर बैठा देते थे कि तुमसे तो अगले साल पूछ लेगे लेकिन इन
विद्यार्थियों को तो अगले साल अगली कक्षा में जाना है। इस तरह उसे बार-बार अन्य
छात्रों के सामने हँसी / उपहास का पात्र बनना पड़ता और अपमानित होना पडता था।
(ग) टोपी की भावनात्मक परेशानियों
को मद्देनज़र रखते हुए शिक्षा व्यवस्था में आवश्यक बदलाव सुझाइए।
उत्तर
– परिवार से प्रताडित व उपेक्षित टोपी जब एक कक्षा में दो बार फेल हो गया तब वह
स्वयं को भावनात्मक रूप से असुरक्षित महसूस करने लगा था। इस दृष्टिकोण से आज की
शिक्षा व्यवस्था मे विशेष बदलाव की आवश्यकता है।
जैसे-छात्रो के सवेगात्मक विकास
की ओर ध्यान दिया जाना चाहिए।
अध्यापको को फेल हुए छात्रो पर विशेष
ध्यान देना चाहिए तथा उनकी परेशानियों को समझकर उन्हें दूर करने का प्रयास करना
चाहिए।
शिक्षण पद्धति को उद्देश्य केवल
परीक्षा पास करना ही नहीं होना चाहिए।लिखित परीक्षा के आधार पर ही नही अपितु अन्य गतिविधियो, क्रियाकलापों व खेलकूद आदि को भी कक्षा पास करने के मापदंड के रूप
में स्वीकार करना चाहिए। बच्चों को केवल किताबी ज्ञान पर ही नहीं परखना चाहिए।
पढाई मे कमजोर छात्रो का मज़ाक
उड़ाने की बजाए अध्यापको द्वारा उनका मनोबल बढ़ाने का प्रयास किया जाना चाहिए।
छात्रों को इच्छानुसार वैकल्पिक
विषय चुनने का अवसर मिलना चाहिए। अध्यापको को फेल हुए छात्रो पर विशेष ध्यान देना
चाहिए तथा उनकी परेशानियों को समझकर उन्हें दूर करने का प्रयास करना चाहिए।
प्रश्न 10 – इफ़्फ़न की दादी के मायके का घर कस्टोडियन में क्यों चला गया?
उत्तर
– कस्टोडियन अर्थात सरकारी कब्ज़ा। इफ़्फ़न की दादी के मायके वाले जब अपना
हिंदुस्तान का घर छोड़कर कराची में रहने चले गए तो उनका यहाँ के घर पर कोई
मालिकाना हक़ नहीं रह गया था। इसी कारण इफ़्फ़न की दादी के मायके का घर कस्टोडियन
में चला गया।
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