अभ्यास प्रश्नपत्र 1 :- कक्षा 10 || Practice Question Paper 1 :- Class 10 || Hindi || Along w/ Answer Keys ||
अभ्यास प्रश्नपत्र 1
आमजन के बीच मोटे अनाजों का सेवन पिछली कई शताब्दियों से प्रचलित है, परन्तु इसके पोषकीय और औषधीय गुणों की जानकारी हाल ही में हुए जैव रासायनिक अनुसंधानों और चिकित्सा संबंधी अध्ययनों से सामने आई है। आधुनिक जीवनशैली से उत्पन्न होने वाले रोगों के संदर्भ में मोटे अनाजों के अनेक स्वास्थ्य लाभों को दुनिया ने जाना-पहचाना और सराहा है। मोटे अनाजों में गेहूँ और धान की अपेक्षा प्रोटीन और संतुलित अमीनो अम्ल अधिक पाया जाता है। इस तरह से ये मोटे अनाज बाकी अनाजों से पोषण के मामले में श्रेष्ठ होते हैं। इसके अलावा, मोटे अनाज आहार संबंधी रेशों, गुणवत्तापूर्ण वसा और महत्त्वपूर्ण खनिज जैसे कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, आयरन, ज़िंक तथा बी-कॉम्प्लेक्स विटामिनों के समृद्ध स्रोत हैं। मोटे अनाजों में पोषण और स्वास्थ्य से जुड़े इतने फ़ायदों के बावजूद वर्तमान समय में मानव आबादी इनका सेवन नहीं करती या बहुत कम लोग इसे अपने खाने की थाली में जगह देते हैं। यह एक विडंबना है। मोटे अनाजों के सेवन में इस गिरावट से भारत में पोषण स्थिति में भारी कमी आई है।
(1) उपर्युक्त गद्यांश किस विषयवस्तु पर आधारित है? (1)
(ख) मोटे अनाज के महत्त्व पर
(ग) संतुलित आहार के महत्त्व पर
(घ) स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर
(2) निम्नलिखित कथन और कारण पर विचार करते हुए उपयुक्त विकल्प का चयन कर लिखिए : (1)
कारण : मोटे अनाजों में अनेक पोषकीय और औषधीय खूबियाँ होती हैं।
विकल्प
(क) कथन ग़लत है, किंतु कारण सही है।
(ख) कथन और कारण दोनों गलत हैं।
(ग) कथन सही है और कारण कथन की सही व्याख्या है।
(घ) कथन सही है किंतु कारण कथन की सही व्याख्या नहीं है।
(3) अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष का उद्देश्य है- (1)
(I) मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देना ।
(II) मोटे अनाज के प्रति जागरूकता फैलाना
(IV) मोटे अनाज की प्रतिष्ठा को क्षति पहुँचाना ।
विकल्प -
(क) कथन (I) और (II) सही हैं।
(ख) केवल कथन (III) सही है।
(ग) कथन (I) और (IV) सही हैं।
(घ) कथन (I), (II) और (IV) सही हैं।
(4) आज मोटे अनाज अपने किन गुणों के कारण लोकप्रिय हो रहे हैं? (2)
प्रश्न2. निम्नलिखित अपठित गद्यांश पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (2X7)
ख) पुनर्जीवित करने की कोशिश
ग) आत्मा का सर्वस्व उड़ेलना
घ) विकास का नारा बुलंद करना
2) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई सही
विकल्प चुनकर लिखिए-
कथन (A): यूरोप के देशों में नदियों के तटबंध तोड़े जा रहे हैं।
कारण (R): नदियों को उद्दाम प्रवाह की आजादी मिले और वे पुनर्जीवित हो जाएँ।।
क) कथन (A) गलत है लेकिन कारण (R) सही है।
ख) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
ग) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
घ) कथन (A) तथा कारण (२) दोनों सही हैं तथा कारण कथन की सही व्याख्या करता है।
3) जैव विविधता' से अभिप्राय है? (1)
क) पृथ्वी पर जीव-जंतुओं को विविधता
ख) पृथ्वों पर पेड़-पौधों की विविधता
ग) जीव-जंतुओं और वनस्पति की विविधता
घ) मानवीय जीवन की विविधता
4) गद्यांश के अनुसार कौन-सी स्थिति हमें डराती है? (2)
5) हमारे लिए किस संकल्प की आवश्यकता है? (2)
खंड – ख (व्यावहारिक व्याकरण)
ख) बच्चे की आवाज लगातार ऊँची होती चली जा रही थी। (रेखांकित पदबंध का नाम व कारण बताइए।)
ग) मेरे मित्र ने मुझे लाल चमकीली रंगीन किताब भेंट की। (रेखांकित पदबंध का नाम व कारण बताइए।)
घ) हरिहर काका धीरे-धीरे चलते हुए आँगन तक पहुँचे।( रेखांकित पदों में पदबंध है।)
ड़) उनकी ऐसी हालत देखकर मुझे उन पर दया आती थी। (वाक्य में सर्वनाम पदबंध है|)
प्रश्न4) निम्नलिखित किन्हीं छह प्रश्नों के निर्देशानुसार उत्तर दीजिए- (6)
क) राम भी तुम, तुम ही लक्ष्मण साथियों पंक्ति में प्रयुक्त राम, लक्ष्मण से सामासिक पद बनाकर भेद लिखिए।
ख) 'राजा-रंक' सामासिक पद में प्रयुक्त पूर्व पद और उत्तर पद अलग कर समास का नाम लिखिए।
ग) “चक्रधर” पद किस समास का उदाहरण है और क्यों ?
घ) “कनकलता” में का विग्रह कर कारण लिखिए।
ड़) “विधि के अनुसार” का उचित समस्तपद व समास का नाम व कारण लिखिए।
च) “घर-घर” में कौन-सा समास है?
प्रश्न5) निम्नलिखित किन्हीं छह प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (6)
ख) जब मैंने उससे अपने रुपए माँगे तो उसने............ दिया। रिक्त स्थान की पूर्ति उचित मुहावरे द्वारा कीजिए।
ग) “नौ-दो ग्यारह होना” मुहावरे का अर्थ लिखिए।
घ) “ईट का जवाब पत्थर से देना” मुहावरे का अर्थ लिखिए।
ङ) “बहुत परिश्रम करना” अर्थ को प्रकट करने के लिए उचित मुहावरा लिखिए।
च) “आँख का तारा होना ”- मुहावरे का वाक्य में इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि उसका अर्थ स्पष्ट हो जाए ।
छ) 'हवा से बातें करना' मुहावरे का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए।
खंड – ग (पाठ्य पुस्तक एवं पूरक पुस्तक)
दुनिया कैरो वजूद में आई? पहले क्या थी? किस बिंदु से इसकी यात्रा शुरू हुई? इन प्रश्नों के उत्तर विज्ञान अपनी तरह रो देता है, धार्मिक ग्रंथ अपनी-अपनी तरह से। संसार की रचना भले ही कैसे हुई हो लेकिन धरती किसी एक की नहीं है। पंछी, मानव, पशु, नदी, पर्वत, समंदर आदि की इसमें बराबर की हिस्सेदारी है। यह और बात है कि इस हिस्सेदारी में मानव जाति ने अपनी बुद्धि से बड़ी-बड़ी दीवारें खड़ी कर दी है। पहले पूरा संसार एक परिवार के समान था अब टुकड़ों में बैटकर एक-दूसरे से दूर हो चुका है। पहले बड़े-बड़े "दालानों-आँगनों में सब मिल-जुलकर रहते थे। अब छोटे-छोटे डिब्बे जैसे घरों में जीवन सिमटने लगा है। बढ़ती हुई आबादियों ने समंदर को पीछे सरकाना शुरू कर दिया है, पेडों को रास्तों से हटाना शुरू कर दिया है। फैलते हुए प्रदूषण ने पंछियों को बस्तियों से भगाना शुरू कर दिया है।
(1) धरती के बारे में क्या कहा गया है?
(ख) धरती का अस्तित्व पहले से है
(ग) धरती सबकी साझी है
(घ) धरती सहनशीला हैं
(2) निम्नलिखित कथन और कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए और दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनकर लिखिएः
कथन: पहले घरती पर प्रत्येक जीव-जन्तु अपना अधिकार समझते और मिलजुलकर रहते।
कारण: वसुधैव कुटुंबकम की भावना में विश्वास रखते थे।
विकल्प:
(क) कथन और कारण दोनों गलत हैं।
(ख) कथन सही है लेकिन कारण गलत है।
(ग) कथन गलत है किंतु कारण सही है।
(घ) कथन और कारण दोनों सही है और कारण कथन की सही व्याख्या है।
(3) कालम -1 और कालम - 2 को सुमेलित करके सही उत्तर चुनिए:
कालम -1 |
कालम -2 |
1. प्रदूषण ने |
I. पेड़ साफ़ कर दिए |
2.
बढ़ती आबादी ने |
II. परिभाषा बदल गई |
3.
परिवार की |
III. पक्षियों को बेघर किया |
(क) 1-II, 2-I, 3-III
(क) समुद्र को धकेलना शुरू हुआ
(ख) सब अपने लिए स्थान खोजने लगे
(ग) संसाधनों की खोज शुरू हुई
(घ) लूट-पाट बढ़ने लगी
(5) संयुक्त परिवारों की वर्तमान में क्या स्थिति है?
(ख) स्वार्थ का हावी होना
(ग) परस्पर मिलनसारिता
(घ) सभी एक-दूसरे के सहायक
(6) दुनिया के वजूद में आने के प्रश्न पर विज्ञान तथा धार्मिक ग्रंथों के उत्तर क्या हैं?
(क) सबके उत्तर एक जैसे हैं
(ख) सबके उत्तर अलग-अलग हैं
(ग) सभी धार्मिक ग्रंथों के उत्तर एक जैसे हैं
(घ) इनमें से कोई नहीं
प्रश्न7) निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए- (6)
पावस ऋतु थी, पर्वत प्रदेश,
मेखलाकार पर्वत अपार
अपने सहस्र दृग-सुमन फाड़़,
नीचे जल में निज महाकार,
दर्पण-सा फैला है विशाल ।
(1) काव्यांश में किस ऋतु की बात की गई है ?
(ग) शरद (घ) वसंत
(ग) पारदर्शी और स्थिर होने से (घ) दूरदर्शी होने से
(3) प्रकृति के स्वरूप में पल-पल परिवर्तन क्यों हो रहा है ?
(ग) धूप के कारण (घ) वर्षा ऋतु के कारण
(4) पर्वत कैसा है?
(ग) अविश्वासनीय (घ) उत्साहित
(5) निम्नलिखित कथन और कारण पर विचार करते हुए उपयुक्त विकल्प का चयन करके लिखिए :
कथन- पर्वत अपने रूप पर मुग्ध हो रहा है।
कारण- नीचे जल में स्वरूप दिखाई दे रहा है।
(क) कथन सही है, किंतु कारण गलत है।
(ख) कथन गलत है, किंतु कारण सही है।
(ग) कथन सही है और कारण कथन की सही व्याख्या है।
(घ) कथन सही है किंतु कारण कथन की सही व्याख्या नहीं है।
(6) इन पक्तियों में किस प्रदेश की पल-पल परिवर्तित होती प्राकृतिक सुषमा का वर्णन किया गया है?
(ग) नदी-घाटी की (घ) पर्वत प्रदेश की
प्रश्न8). निम्नलिखित प्रश्नों के 25-30 शब्दों में उत्तर लिखिए (कोई तीन)- (3x2)
1) बड़े भाई साहब
को अपने मन की इच्छाएँ क्यों दबानी पड़ती थीं ?
प्रश्न9) निम्नलिखित प्रश्नों के 25-30 शब्दों में उत्तर लिखिए
(कोई तीन)-
(3x2)
3.“पर्वत
प्रदेश में पावस कविता”में झरने किसके गौरव का गान कर रहे
हैं तथा बहते हुए झरने का वर्णन किस प्रकार किया गया है?
प्रश्न10). निम्नलिखित प्रश्नों के 50-60 शब्दों में उत्तर लिखिए (कोई दो)- (3x3)
2) हरिहर काका एक सीधे-सादे और भोले किसान
की अपेक्षा चतुर हो चले थे'-
इस कथन के संदर्भ में अपने विचार
3) "हरिहर
काका कहानी पारिवारिक जीवन में घर कर चुकी स्वार्थपरता और हिंसा-प्रवृत्ति को
बेनकाब करती है।" तर्कसंगत उत्तर दीजिए।
4) आपके पड़ोसी
काका की स्थिति हरिहर काका से मिलती-जुलती है। आप उन्हें कैसे समझाएँगे और मदद
करेंगे?
खंड – घ (रचनात्मक
लेखन)
प्रश्न11) निम्नलिखित विषय पर 100-120 शब्दों
में अनुच्छेद लिखिए-(कोई एक) (5)
(क) बचाना
है दुनिया को भूमंडलीय ऊष्मीकरण (ग्लोबल वार्मिंग) से
संकेत बिंदु- • स्वच्छ
पर्यावरण के लिए जरूरी
• जागरूकता
है जरूरी
• समाधान
(ख) अंतर्राष्ट्रीय
फलक पर चमकता सितारा भारत हमारा
संकेत बिंदु- • विकास की
ओर बढ़ते कदम
• जीवन
मूल्यों की पहचान
• भारतीय
क्षमता
प्रश्न12) निम्नलिखित में से किसी एक
विषय पर लगभग 100-120
शब्दों में पत्र
लिखिए- (5)
आप राजकीय वरिष्ठ विद्यालय के प्रधान छात्र/छात्रा अमृत/अमृता हैं। विद्यालय की कैंटीन व्यवस्था में सुधार हेतु अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य/प्रधानाचार्या को एक पत्र लिखिए।
अथवा
आपके क्षेत्र में स्थित स्टेडियम के स्थापना दिवस की वर्षगाँठ के अवसर पर दिव्यांग बच्चों द्वारा भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया जाएगा। इस कार्यक्रम के सीधे प्रसारण की प्रार्थना करते हुए दूरदर्शन निदेशक को लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
प्रश्न13) निम्नलिखित विषय पर 100-120 शब्दों
में लघुकथा लिखिए- (कोई एक) (5)
मेहनत की कमाई
अथवा
"सुबह का समय था, मोहल्ले की गली में अचानक शोर सुनाई दिया...................................... ” इस कथा को लगभग 100 शब्दों में पूरा कीजिए।
प्रश्न1.
1. (ख) मोटे अनाज के महत्त्व पर
2. (ग) कथन सही है और कारण कथन की सही व्याख्या है।
3. (क) कथन (I) और (II) सही हैं।
4. मोटे अनाज
बाकी अनाजों से पोषण तथा स्वास्थ्य के मामले में श्रेष्ठ होते हैं। इसके अलावा, मोटे अनाज
आहार संबंधी रेशों, गुणवत्तापूर्ण वसा और महत्त्वपूर्ण खनिज जैसे
कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, आयरन, ज़िंक तथा
बी-कॉम्प्लेक्स विटामिनों के समृद्ध स्रोत हैं।
5. भारतीय संस्कृति, जीवनशैली और खान-पान में मोटे अनाजों (मिलेट्स) का विशेष स्थान रहा है। ये विशिष्ट
अनाज हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होने के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी अच्छे
होते हैं क्योंकि कम पानी और संसाधन के बीच ये विकसित हो जाते हैं।
प्रश्न2.
1. क) तट अतिक्रमण पर रोक
2. घ) कथन (A) तथा कारण (२) दोनों सही हैं तथा कारण कथन की सही
व्याख्या करता है।
3. क) जीव-जंतुओं और वनस्पति
की विविधता
4. नदियों को धरती का प्राण माना जाता है। ये हमारी पृथ्वी व समस्त जीव-जगत को
जीवन देती हैं। जब नदियों के जीवन पर ही संकट मंडरा रहा हो तो अन्य जीव-जंतुओं और पारिस्थितिकी
तंत्र पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है खासकर तब, जब विशेषज्ञों का मानना है कि 2030 तक दुनिया में
पानी की माँग कुल आपूर्ति से ज्यादा हो जाएगी।
5. छोटी नदियों को बचाने के लिए संसाधनों से अधिक संकल्प को आवश्यकता है।
भू-जल स्तर, पारिस्थितिकी तंत्र एवं जैव विविधता को स्थिर रखने के लिए
नदियों के प्रवाह क्षेत्र को अतिक्रमण से बचाना व प्रदूषण मुक्त रखना बेहद जरूरी
है। शासन-प्रशासन व आमजन को दृढ़ इच्छाशक्ति, निगरानी और
नियंत्रण द्वारा ही नदियों को बचाया जा सकता है।
प्रश्न3.
(क) संज्ञा पदबंध
(ख) क्रिया पदबंध-कारण- रेखांकित पदसमूह में एक से अधिक क्रिया पद मिलकर एक
इकाई के रूप में क्रिया का कार्य कर रहे हैं।
(ग) विशेषण पदबंध-कारण- रेखांकित पदबंध/पदसमूह
वाक्य में संज्ञा(किताब) के विशेषण के रूप में प्रयुक्त हैं, अत: यहाँ 'विशेषण पदबंध' हैं।
(घ) क्रिया विशेषण पदबंध
(च) वाक्य में सर्वनाम पद का कार्य करने वाले पदबंध/ पदसमूह
'सर्वनाम पदबंध' कहलाते हैं। अथवा जिस पदबंध/ पदसमूह का अंतिम/शीर्ष पद सर्वनाम हो तथा अन्य पद उस पर आश्रित हों तो वह 'सर्वनाम पदबंध' कहलाता हैं।
(छ) क्रिया विशेषण
पदबंध- कारण- रेखांकित पदबंध/पदसमूह
क्रिया विशेषता(स्थान संबंधी) बता रहा है, अत: यहाँ क्रिया विशेषण (अव्यय) पदबंध'
है।
प्रश्न4.
(क) राम-लक्ष्मण-द्वंद्व समास
(ख) द्वंद्व समास-पूर्वपद-राजा, उत्तर पद-रंक
(ग) बहुव्रीहि समास - क्योंकि इसमें दोनों पद गौण हैं तथा दोनों मिलकर किसी तीसरे पद(चक्रधर
अर्थात् विष्णु जी) के विषय में संकेत करते हैं।
(घ) कनक रूपी लता- कर्मधारय
समास- क्योंकि इसमें दोनों पदों के मध्य (उपमेय (जिसकी किसी वस्तु से उपमा दी गई
हो -लता) और उपमान (वह वस्तु या व्यक्ति जिससे उपमा दी जाए-कनक) का संबंध है।
(ङ) यथाविधि- अव्ययीभाव समास
(च) अव्ययीभाव समास
(छ) चरणकमल-कर्मधारय समास
प्रश्न 5
क) आग बबूला
ख) अंगूठा दिखा
ग) भाग जाना
घ) कड़ा या करारा जवाब देना
ड़) आकाश पाताल एक करना
च) मोहन अपने परिवार में
सबकी आँखों का तारा है।
छ) तेज गति से चलना या दौड़ना-केशव अपनी कार इतनी तेज़ गति से चलता है कि ऐसा लगता
है कि वह हवा से बातें कर रहा है ।
प्रश्न 6
1. (ग) धरती
सबकी साझी है
2. (घ) कथन और कारण दोनों सही है और कारण कथन की सही व्याख्या है।
3. (घ) 1-III, 2-I, 3-II
4. (क) समुद्र
को धकेलना शुरू हुआ
5. (क) एकल
परिवारों में सिमटना
6. (ख) सबके उत्तर अलग-अलग हैं
प्रश्न 7
1. (क) वर्षा
2. पारदर्शी और स्थिर होने के कारण
3. (घ) वर्षा ऋतु के कारण
4. (ख) महाकार
5. (ग) कथन सही है और कारण कथन की सही व्याख्या है।
6. (घ) पर्वत प्रदेश की
प्रश्न 8
1) बड़े भाई की उम्र छोटे भाई
से पाँच वर्ष अधिक थी। वे हॉस्टल में छोटे भाई के अभिभावक के रूप में थे। वे अपने छोटे
भाई के सामने अपने -आपको आदर्श रूप में प्रस्तुत करना चाहते थे। उन्हें भी खेलने, पतंग उड़ाने, तमाशे देखने का शौक था, परंतु अगर वे ठीक रास्ते पर न चलते तो छोटे भाई के प्रति अपनी जिम्मेदारी
नहीं निभा पाते। अपने नैतिक कर्तव्य का बोध होने के कारण उन्हें अनुशासित रहना पड़ता
था और अपने मन की इच्छाएँ दबानी पड़ती थी ।
2) "वामीरो, 'तताँरा-वामीरो कथा' में एक युवती है जो लपाता गाँव की रहने वाली है। तताँरा से बेरुखी से जवाब देने का कारण यह था कि वह दूसरे गाँव का था, और गाँव के रिवाजों के अनुसार, वह अपने गाँव के अलावा किसी और गाँव के युवक के प्रश्नों का उत्तर देने के लिए बाध्य नहीं थी तथा वह अपने गाँव की रीति के विरुद्ध नहीं जाना चाहती थी।
3) 'पतझर में टूटी पत्तियों पाठ
में लेखक चैन के कुछ पल बिताने के लिए एक शांत स्थान पर छः मंजिली इमारत की छत पर
बनी पर्णकुटी में 'टी सेरेमनी' में भाग लेने के लिए गया। वहाँ
के शांत वातावरण में चाए पीने से दिमाग की रफ्तार धीरे-धीरे शांत और अंत में
बिल्कुल बंद हो गई। उस समय भूतकाल की घटनाएँ तथा भविष्य की चिंताएँ गायब हो गई तथा
उन्होने वर्तमान को मह्सूस किया जो सुकून व शांति देने वाला था।
हाँ,वास्तव में सभी को इसकी आवश्यकता है। वर्तमान की भागमभाग व मानसिक तनावों से इसके द्वारा मुक्ति पाई जा सकती है।
4) डायरी का एक पन्ना' पाठ में गुलाम भारत में 1931 में कलकत्ता (कोलकाता) में मनाए गए स्वतंत्रता दिवस आयोजन से देश के प्रति अपने कर्तव्यों की सीख पाठ से लेते हुए हम कह सकते हैं कि हमें देश की अखंडता और एकता के लिए कटिबद्ध रहना चाहिए। हमें अपने देश के विकास के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। क्रांतिकारियों की कुर्बानियों को स्मरण रखकर समाज को संगठित करना चाहिए। सरकार की तानाशाही से लोहा लेना चाहिए।
उत्तर9)
1) 'मनुष्यता' कविता में कवि ने ऐसे जीवन को जो मानवता का हित न करता हो तथा स्वार्थी व्यक्ति के जीवन को व्यर्थ बताया है। स्वार्थी जीवन को पशु वृत्ति का जीवन कहा गया है अर्थात जो व्यक्ति दूसरों का भला नहीं करता उसका जीवन व्यर्थ है। मनुष्य को उदारता और परोपकार का जीवन जीना चाहिए। केवल अपने हित के बारे में नहीं सोचना चाहिए। ऐसा जीवन व्यर्थ है जिसे मरने के बाद कोई भी याद न करे।
2) कबीर की साखियाँ कबीर के अनुभव और गहनता से खोजे गए सत्य पर आधारित है।
उनकी हर साखी मनुष्य को सीख-सी देती प्रतीत होती है। इन साखियों में हमें कई जीवन
मूल्यों की झलक मिलती है; जैसे-
• मनुष्य को सदैव ऐसी अन्हकार रहित वाणी बोलनी चाहिए जिससे बोलने और सुनने
वाले दोनों को ही सुख और शीतलता मिले।
•मनुष्य को अहंकार का त्याग कर देना चाहिए।
• अपने आलोचकों को अपने आस-पास ही जगह देना चाहिए ताकि व्यक्ति का स्वभाव परिष्कृत हो सके।
• ईश्वर प्राप्ति के लिए मनुष्य को उचित प्रयास करना चाहिए जिसके लिए यह
समझना आवश्यक है कि उसका वास घट-घट में है।
3) पंत जी की कविता ‘पर्वत प्रदेश में पावस’ में झरनों से कल-कल की ध्वनि निकलती है उससे ऐसा प्रतीत होता है जैसे ये झरने पर्वत के गौरव/यश का गान कर रहे हैं। पहाड़ों से फूटती जल धाराएँ झरनों के रूप में बहती हैं। इनकी तुलना मोतियों की लड़ियों से की गई है क्योंकि ये उन्हीं के समान दिखाई देती है। झाग से भरे झरने कल-कल की ध्वनि से नस-नस में उत्तेजना का संचार कर रहे हैं।
4) इस पद में मीरा की कृष्ण भक्ति स्पष्ट झलक रही है। वह हरि अर्थात् कृष्ण से जन-जन की पीड़ा हरने अर्थात्तू दूर करने की प्रार्थना करती है। वह उन्हें उनके परोपकारी कार्यों का स्मरण कराकर (प्रह्लाद, ऐरावत हाथी तथा द्रौपदी की मदद) अपनी प्रार्थना को तर्कसंगत बताया है। इस प्रकार वह कृष्ण की क्षमताओं का गुणगान करती है। दूसरी ओर वह उनके कर्तव्य की याद दिलाते हुए कहती है कि उनकी (मीरा) विपत्ति का निवारण करना भी उनका कर्तव्य है क्योंकि वह भी अन्य भक्तों की तरह श्री कृष्ण की अनन्य भक्त हैं।
उत्तर 10)
'हरिहर काका' कहानी में रिश्तों का जो स्वार्थी व लालची स्वरूप
उभरकर सामने आया है, यह कोई सुखद नहीं है अपितु समाज में वृद्धों की
उपेक्षा और रिश्तों में मानवीय मूल्यों की कमी को उजागर करती है, खासकर तब जब
संपत्ति से जुड़ा मामला हो।
हरिहर काका जानते हैं कि जब तक उनकी जमीन-जायदाद उनके पास है, तब तक सभी उनका आदर करते हैं। ठाकुरबारी के महंत उनको इसलिए समझाते हैं क्योंकि वह उनकी जमीन ठाकुरबारी के नाम करवाना चाहते हैं। उनके भाई उनका आदर-सत्कार जमीन के कारण करते हैं। हरिहर काका ऐसे कई लोगों को जानते हैं(रमेसर की विधवा), जिन्होंने अपने जीते जी अपनी जमीन परिवार के किसी सदस्य के नाम लिख दी थी उसके बाद में उनका जीवन नरक बन गया था। इसलिए उन्होने यह निश्चय किया था कि वह जीते-जी अपनी जमीन किसी के नाम नहीं लिखेंगे और अंत में वे एक नौकर के साथ अकेले रहने लगे थे। इससे पता चलता है कि हरिहर काका एक सीधे-सादे, भोले-भाले किसान हैं, पर वे समय और परिस्थिति को देखकर चतुर हो चले थे।
3) हरिहर काका परिवार में रहते हुए पारिवारिक सुखों से वंचित थे। उन्हें न तो ढंग का खाना मिलता था, न सम्मानजनक व्यवहार। पहले कुछ दिनों तक उनकी सेवा तो की गई, पर वह भी स्वार्थवश थी। भाई उनके हिस्से की जमीन को अपने नाम करवाना चाहते थे। इसमें सफल न होने पर घोर स्वार्थ के वशीभूत होकर काका को मारने-पीटने तक पर उतारू हो गए। अपने स्वार्थ की पूर्ति न देखकर भाई उनके खून तक के प्यासे हो गए और जबरन खाली कागजों पर अँगूठा लगवाना चाहते थे। ।अंत मे पुलिस ने काका को सुरक्षा देकर उनकी रक्षा की। हरिहर काका कहानी पारिवारिक जीवन में घर कर चुकी स्वार्थपरायणता और हिंसा-प्रवृत्ति को बेनकाब करती है।
4) यदि हमारे घर के पास कोई
हरिहर काका जैसे दशा में होगा तो हम उसकी हर संभव मदद करेंगे। हम उसके परिवार के
साथ हर संबंध सुधारने की कोशिश करेंगे। उसके रिश्तेदारों को समझाएँगे कि उस
व्यक्ति के साथ ऐसा व्यवहार ना करें और उसे प्यार, सम्मान और अपनापन दें। अगर उसके
साथ कुछ गलत होता है तो हम कोशिश करेंगे कि मीडिया भी सहयोग करें और पुलिस की मदद
लेनी पड़ी तो हम पीछे नहीं हटेंगे और व्यक्ति को इंसाफ जरूर दिलवाएँगे।
Comments
Post a Comment