अभ्यास प्रश्नपत्र 2 :- कक्षा 10 HINDI || Practice Question Paper 2 :- Class 10 HINDI || ALong w/ Answer keys ||

 अभ्यास प्रश्नपत्र :- 2


खंड - (वस्तुपरक प्रश्न)

प्रश्न1. निम्नलिखित अपठित  गद्यांश पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-       (2X7)

            भाषा अभिव्यक्ति का माध्यम है। यह भाषा की शायद सबसे पुरानी और सहज परिभाषा है। इसके साथ संस्कृति की पहचान को भी जोड़ा जाता है। भाषा व्यक्तियों के एक पूरे समाज को, एक समूची सभ्यता को पारिभाषित करती है। भाषा इस बात का दस्तावेजीकरण भी है कि मनुष्य कैसे जिया था और कैसे जी रहा है। इस दृष्टि से देखें तो भाषा हमारा पूरा इतिहास है, जो हमें देखे गए और देखे जाने वाले सपनों, अच्छे और बुरे, दोनों से परिचित करवाती है। यह सब समझने के बाद जब यह पता चलता है कि भाषा मरती भी है, तो एक झटका-सा लगना स्वाभाविक है। जब यह अहसास होता है कि अपनी किसी भाषा के मरने में हमारा भी योगदान होता है, तो झटका बिजली के करंट जैसा हो जाता है। एक भाषा के मरने का अर्थ है एक इतिहास का मिटना, या फिर ऐसा कहें कि मिटना नहीं, मिटाना। हमारे देश में कई भाषाएँ और बोलियाँ हैं। इतनी भाषाएँ होने से इस बात का पता ही नहीं चलता कि कब और कहाँ हमारी ही कोई भाषा मर रही है। भारतीय भाषाओं के केंद्रीय संस्थान के एक आकलन के अनुसार, लगभग 200 भारतीय भाषाएँ खतरे में हैं। भाषाओं के खतरे में होने का अर्थ है कि, कभी ऐसी भी स्थिति आ सकती है कि किसी भाषा को बोलने वाला कोई बचे ही नहीं। यह स्थिति दो तरीकों से आती है। एक तो यह कि प्राकृतिक कारणों से कोई भाषा बोलने वाला समाज विलुप्त हो जाए। दूसरा यह कि कोई समाज स्वयं अपनी भाषा (मातृभाषा) के प्रति उदासीन हो जाए, किसी और भाषा को बेहतर मानकर उसे स्वीकार कर लें। खतरा तो दोनों ही तरीकों से है। पर यह दूसरा तरीका अधिक खतरनाक प्रतीत होता है। इसका मतलब होता है अपनी भाषा, अर्थात अपनी सभ्यता और संस्कृति को अवमानना। यह अपनी पहचान के प्रति आपराधिक उदासीनता है। जब स्थिति ऐसी आ जाए कि अपनी भाषा बोलना अपमानजनक लगने लगे, अथवा दूसरी भाषा में बोलने की क्षमता शान की बात मानी जाए तो भाषा धीरे-धीरे स्वयं मरने लगती है। बल्कि यह कह सकते हैं हम उसे मार देते हैं। इससे त्रासद स्थिति और क्या हो सकती है ?

(1) हमारी भाषा कब मरने लगती है ? (1)

    (क) जब हम अपनी भाषा का प्रयोग सोच-समझकर नहीं करते।

    (ख) जब हम अपनी भाषा को सीखने में ज्यादा समय लगाते हैं।

    (ग) जब हम अन्य भाषाओं में बोलना सीख जाते हैं।

    (घ) जब हम अन्य भाषा को बेहतर मानने लगते हैं।

(2) भाषा हमें किसके बारे में बताती है ? (1)

    (क) हमारी सभ्यता के भूत और वर्तमान काल के बारे में।

    (ख) हमारे जीवन में अच्छे सपनों के महत्त्व के बारे में।

    (ग) हमारी सोच को नई पहचान देने के बारे में।

    (घ) हमारे समाज पर आने वाले खतरों के बारे में।

(3) लेखक के अनुसार कौन-सी बात हमें धक्का पहुँचा सकती है ?  (1)

   (क) कि भाषा हमारी संस्कृति की पहचान है।

   (ख) कि भाषा हमारे कारण खत्म हो सकती है।

   (ग) कि भाषा के मरने से मानव जाति खत्म हो सकती है।

   (घ) कि मातृभाषा बोलना अपमानजनक भी लग सकता है।

(4) भाषा किस बात का दस्तावेजीकरण है ?    (2)

(5) भाषाओं के खतरे में होने का अर्थ क्या है ?  (2)

 

 प्रश्न2. निम्नलिखित अपठित  गद्यांश पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-                   (2X7)

     सफलता पाने के लिए जीवन में एक स्पष्ट लक्ष्य का होना अत्यंत आवश्यक है। बिना लक्ष्य के प्रयास व्यर्थ है क्योंकि एक निश्चित दिशा के बिना हम अपनी ऊर्जा को सही दिशा में नहीं लगा सकते। लक्ष्य न केवल हमें मार्गदर्शन प्रदान करता है बल्कि हमारे प्रयासों को एक स्थिर दिशा में केंद्रित करने में भी सहायक होता है। जब हम अपने जीवन में एक उद्देश्य तय कर लेते हैं, तो उसके प्रति समर्पण, ईमानदारी और मेहनत से कार्य करना अनिवार्य हो जाता है। हर व्यक्ति को जीवन में एक उद्देश्य और लक्ष्य रखना चाहिए। लक्ष्य निर्धारित करने से हमारे कार्यों में स्थिरता, अनुशासन, और आत्मविश्वास का संचार होता है। जीवन में कई बार कठिनाइयाँ आती है, लेकिन अगर हमारे पास एक स्पष्ट और सशक्त लक्ष्य होता है, तो हम इन चुनौतियों का सामना धैर्य के साथ कर सकते है। यही कारण है कि सफलता पाने वाले लोग अपने कार्यों के लिए एक ठोस योजना बनाते हैं और उसे पाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहते हैं। इसलिए, हमें अपने जीवन में स्पष्ट और यथार्थवादी लक्ष्यों का निर्धारण करना चाहिए। यह न केवल हमें प्रेरित करता है, बल्कि हमारे जीवन को उद्देश्य, संतोष, और आत्मविश्वास मी प्रदान करता है।

(1) उपर्युक्त गद्यांश का मुख्य विषय क्या है? (1)

    (क) अनुशासन का महत्त्व 

    (ख) ऊर्जा का सदुपयोग

    (ग) लक्ष्य का महत्त्व

    (घ) मेहनत और निष्ठा

(2) बिना लक्ष्य के प्रयास व्यर्थ है- पंक्ति से क्या आशय है  (1)

     (क) लक्ष्य के बिना मेहनत करना गलत है

     (ख) लक्ष्य से प्रयास में दिशा मिलती है

     (ग) मेहनत के लिए लक्ष्य आवश्यक नहीं

     (घ) लक्ष्य और मेहनत में कोई संबंध नहीं

(3) निम्नलिखित कथन और निष्कर्ष को ध्यान से पढ़कर दिए गए विकल्प से सही उत्तर चुनकर लिखिएः-  (1)

     कथन: लक्ष्य निर्धारित करने से प्रयासों में अनुशासन आता है। 

     निष्कर्ष: अनुशासन बिना लक्ष्य के भी प्राप्त किया जा सकता है।

     (क) कथन सही है, लेकिन निष्कर्ष गलत है।

     (ख) कथन और निष्कर्ष दोनों सही हैं। ii.

     (ग) कथन गलत है और निष्कर्ष सही है।

     (घ) कथन और निष्कर्ष दोनों गलत है।

(4) लक्ष्य निर्धारित करना क्यों महत्त्वपूर्ण है? (2)

(5) सफलता प्राप्त करने के लिए कौन-कौन से कदम उठाने चाहिए? (2)

 

                                             खंड-ख (व्यावहारिक व्याकरण)

प्रश्न3. निम्नलिखित किन्ही (6) प्रश्नों के निर्देशानुसार उत्तर दीजिए -                                                     (6)

    ) गर्मियों में सफेद खादी कपड़े पहनना आरामदायक होता है। (रेखांकित पदों में पदबंध व कारण बताइए)

    ) लंका का अहंकारी रावण राम के द्वारा मारा गया। (इस वाक्य में विशेषण पदबंध है)

    ) तोतो को“उनकी दहकती-भूरी आँखो से” भय न लगता था। (रेखांकित पदों में पदबंध है)

    ) मैं तेजी से दौड़ता हुआ घर पहुँचा। (वाक्य में क्रिया-विशेषण पदबंध है‌)

    ) वह भयवश सामने आने में झिझक रही थी(रेखांकित पदों में पदबंध व कारण बताइए)

    च) ‘विशेषण पदबंध’ की क्या पहचान है?

    छ) लाभ-हानि का हिसाब लगाने वाला वह” कहाँ गया? (रेखांकित पदों में पदबंध व कारण बताइए )

 

प्रश्न4) निम्नलिखित किन्ही (6) प्रश्नों के निर्देशानुसार उत्तर दीजिए-                                            (6)

    क) “रातोंरात” का उचित समास-विग्रह व समास का नाम लिखिए।

    ख) “चंद्रशेखर” में कौन-सा समास है और क्यों?

    ग) “विद्याधन” का उचित समास-विग्रह व कारण लिखिए।

    घ) “गुण-दोष” में कौन-सा समास है और क्यों?

    ड) “चक्र को धारण करने वाला” का उचित समस्तपद व समास का नाम लिखिए।

    च) पराधीन” पद का समास-विग्रह व समास का नाम लिखिए।

    छ) ‘द्विगु समास’ पहचान बताइए ।

प्रश्न5) निम्नलिखित पाँच प्रश्नों में से किन्ही (6) प्रश्नों के उत्तर दीजिए-                                                     (6)

क)  हमारे वीर सैनिक.............................. रखकर देश की रक्षा करते हैं। (रिक्त स्थान की पूर्ति उचित मुहावरे द्वारा कीजिए)

ख)   मैं तुम्हारी विचित्र हरकतें देखकर............................ गया। (रिक्त स्थान की पूर्ति उचित मुहावरे द्वारा कीजिए)

ग)    जैसे ही भारत की क्रिकेट टीम विश्व कप के मुकाबले से बाहर हुई, करोड़ों देशवासियों के.......... गए। (रिक्त स्थान की पूर्ति उचित मुहावरे द्वारा कीजिए)

घ)   कलई खुलना” मुहावरे का वाक्य में इस प्रकार प्रयोग करें कि अर्थ स्पष्ट हो जाए ।

ङ)   “घोड़े बेचकर सोना” मुहावरे का अर्थ लिखकर वाक्य प्रयोग करें।

च)   “अगर-मगर करना” मुहावरे का अर्थ लिखिए।

छ)    कुशल व्यापारी.............. बनाने की कला में माहिर होते हैं। रिक्त स्थान की पूर्ति उचित मुहावरे द्वारा कीजिए।

 

                                                खंड (पाठ्य पुस्तक एवं पूरक पुस्तक)

 प्रश्न6) निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-                                                 (6) 

    ग्वालियर से बंबई की दूरी ने संसार को काफी कुछ बदल दिया है। वर्सोवा में जहाँ आज मेरा घर है, पहले यहाँ दूर तक जंगल था। पेड़ थे, परिंदे थे और दूसरे जानवर थे। अब यहाँ समंदर के किनारे लंबी-चौड़ी बस्ती बन गई है। इस बस्ती ने न जाने कितने परिंदों-चरिंदों से उनका घर छीन लिया है। इनमें से कुछ शहर छोड़कर चले गए हैं। जो नहीं जा सके हैं उन्होंने यहाँ-वहाँ डेरा डाल लिया है। इनमें से दो कबूतरों ने मेरे फ्लैट के एक मचान में घोंसला बना लिया है। बच्चे अभी छोटे हैं। उनके खिलाने-पिलाने की जिम्मेदारी अभी बड़े कबूतरों की है। वे दिन में कई-कई बार आते-जाते हैं। और क्यों न आएँ-जाएँ आखिर उनका भी घर है। लेकिन उनके आने-जाने से हमें परेशानी भी होती है। वे कभी किसी चीज़ को गिराकर तोड़ देते हैं। कभी मेरी लाइब्रेरी में घुसकर कबीर या मिर्जा गालिब को सताने लगते हैं। इस रोज-रोज की परेशानी से तंग आकर मेरी पत्नी ने उस जगह जहाँ उनका आशियाना था, एक जाली लगा दी है, उनके बच्चों को दूसरी जगह कर दिया है। उनके आने की खिड़की को भी बंद किया जाने लगा है। खिड़की के बाहर अब दोनों कबूतर रात-भर खामोश और उदास बैठे रहते हैं।

  1) पहले वर्सोवा की क्या स्थिति थी?

      क) दूर तक सुनसान था।                          ख) समुद्र किनारे बस्ती थी

      ग) आवागमन के साधन नहीं थे।                घ) प्राकृतिक परिवेश था

  2) इस बस्ती ने न जाने कितने परिंदों-चरिंदों से उनका घर छीन लिया' पंक्ति संकेत करती है-

      क) बढ़ते शहरीकरण के दुष्परिणामों की ओर

      ख) बढ़ते शहरीकरण से जीव-जंतुओं के बेघर होने की ओर                                                                     

      ग) जीव-जंतुओं के प्राकृतिक आशियानों में बस जाने की ओर।

      घ) जीव-जंतुओं की प्रजातियाँ विलुप्त हो जाने की ओर।

 3) 'जो नहीं जा सके हैं उन्होंने यहाँ-वहाँ डेरा डाल लिया है' पंक्ति में 'डेरा डालना' का आशय है-

      क) स्थायी पड़ाव बनाना                          ख) जबरदस्ती घर बनाना

      ग) अस्थायी पड़ाव बनाना                        घ) किसी भी प्रकार से रहना

4) कबूतर लेखक के घर क्यों आया-जाया करते थे?

     क) वहाँ अपना घोंसला होने के कारण            

     ख) खिड्की खुली होने के कारण

     ग) अपने बच्चों को खिलाने पिलाने के लिए       

     घ) उस घर को अपना मानने के कारण 

6) कबूतरों से परेशान होकर लेखक की पत्नी ने क्या किया?

    क) कबूतरों के आने की खिड़की बंद कर दी।

    ख) कबूतरों के घोंसला बनाने की जगह पर जाली लगवा दी।

    ग) उनके बच्चों को दूसरी जगह कर दिया।

    घ) उपर्युक्त सभी

5) निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए-

     कथन (A) : खिड़की के बाहर दोनों कबूतर रात-भर खामोश और उदास बैठे रहते थे।

     कारण (R) : उनका आशियाना छिन गया था।

     क) कथन(A) और कारण(R) दोनों गलत हैं।

     ख) कथन(A) सही है, किंतु कारण(R) गलत है।

     ग) कथन(A) गलत है, लेकिन कारण(R) उसकी सही व्याख्या करता है।

     घ) कथन(A) तथा कारण(R) दोनों सही हैं तथा कारण(R), कथन(R) की सही व्याख्या करता है।

प्रश्न7)  निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-                                                 (6)

                     क्षुधार्त रतिदेव ने दिया करस्थ घाल भी,

                     तथा दधीचि ने दिया परार्थ अस्थिजाल भी।

                     उशीनर क्षितीश ने स्वमांस दान भी किया,

                     सहर्ष वीर कर्ण ने शरीर-चर्म भी दिया।

                     अनित्व देह के लिए अनादि जीव क्या डरे ?

                     वहीं मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।

(1) रतिदेव कौन थे ?

     (क) वीर राजा                         (ख) परम दानी राजा

     (ग) बुद्धिमान-शिक्षित राजा         (घ) कुशल समझदार राजा

(2) स्तंभ-1 को स्तंभ-11 से सुमेलित करके सही विकल्प चुनिए :

      स्तंभ-I                        स्तंभ-II

     (1)उशीनर                     (अ) अपने शरीर-चर्म भी दान में दी

     (2) दधीचि                    (ब) अपना मांस देकर कबूतर के प्राण बचाए

     (3) कर्ण                        (स) अस्थियाँ देकर देवताओं की सहायता की

     (क) (1)-(ब), (2)-(स) (3)-(अ)

     (ख) (1)-(अ) (2)-(ब), (3)-(स)

     (ग) (1)-(थ), (2)-(अ), (3)-(स)

     (घ) (1)-(अ) (2)-(स), (3)-(ब)

(3) कवि ने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से क्या संदेश दिया है ?

     (क) हमें जीवन की परवाह न करके परोपकार करना चाहिए।

     (ख) हरेक की पीड़ा को समझना चाहिए।

     (ग) शरीर नाशवान है अतः जीव को डरना नहीं चाहिए।

     (घ) अपनी भूख की परवाह बिलकुल नहीं करनी चाहिए।

(4) काव्यांश में प्रयुक्त ‘अनादि’ शब्द का क्या अर्थ है ?

     (क) जिसका न आदि हो न अंत

     (ख) जिसका आदि या आरंभ न हो

     (ग) जो सृष्टि पर सबसे पहले जन्मा हो

     (घ) जो सदा बना चला आ रहा हो

(5) दधीचि ने दान में क्या दिया ?

     (क) कवच-कुंडल           (ख) हड्डियाँ

      (ग) धन                         (घ) मांस

(6) कवि के अनुसार दूसरों की भलाई के लिए नश्वर शरीर को जोखिम में डालने से क्यों नहीं डरना चाहिए?

(क) क्योंकि आत्मा अजर-अमर है, इसका नाश नहीं होता, भले ही शरीर का नाश हो जाए

(ख) क्योंकि दूसरों की भलाई करने का मौका बार-बार नहीं मिलता

(ग) क्योंकि दूसरों की भलाई के लिए जोखिम उठाकर अपने को प्रसिद्ध किया जा सकता है

(घ) इनमें से कोई नहीं

प्रश्न8). निम्नलिखित प्रश्नों के 25-30 शब्दों में उत्तर लिखिए (कोई तीन)-                                 (3x2)

1)     आशय स्पष्ट कीजिए- 'मट्टी से मट्टी मिले खोकर सभी निशान। किसमें कितना कौन है, कैसे हो पहचान ।।'

2)     'बड़े भाई साहब' कहानी का बड़ा भाई शिक्षा को 'रटंत ज्ञान' और 'बे-सिर-पैर की बातें' मानता है जिनका व्यावहारिक जीवन में कोई अर्थ नहीं। इस संदर्भ में आपके क्या विचार हैं ? तर्कपूर्ण उत्तर दीजिए।

3)     पतझर में टूटी पत्तियाँपाठ में चैन भरे पल बिताने के लिए लेखक ने क्या किया ? क्या वास्तव में सभी को इसकी आवश्यकता है ? अपने विचार व्यक्त कीजिए।

4)     डायरी का एक पन्ना' के माध्यम से आपने गुलाम भारत के स्वतंत्रता दिवस के आयोजन के विषय में जाना। आज हम आजाद भारत में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। देश के प्रति अपने कर्तव्यों को बताते हुए पाठ से प्राप्त सीख का वर्णन कीजिए।

प्रश्न9) निम्नलिखित प्रश्नों के 25-30 शब्दों में उत्तर लिखिए (कोई तीन)-                                           (3x2)

1)     'मनुष्यता' कविता में कवि ने कैसे जीवन को व्यर्थ बताया है, और क्यों ?

2)     ‘मनुष्य मात्र बंधु है’ से  आप क्या समझते हैं ?

3)     पर्वत प्रदेश में पावस कवितामें कवि ने तालाब की समानता किसके साथ दिखाई है तथा क्यों?

4)     हरि आप हरो जन री भीर' पद के आधार पर सिद्ध कीजिए कि मीरा यदि एक ओर श्री कृष्ण की क्षमताओं का गुणगान करती हैं तो दूसरी ओर उन्हें उनके कर्तव्य की याद दिलाने में भी विलंब नही करतीं।

 

प्रश्न10).  निम्नलिखित प्रश्नों के 50-60 शब्दों में उत्तर लिखिए (कोई दो)-                                         (3x3)

1)     समाज में रिश्तों की क्या अहमियत है? 'हरिहर काका' कहानी में रिश्तों का कौन-सा स्वरूप उभरकर सामने आया है? अपने विचार प्रकट कीजिए।

2)     हरिहर काका एक सीधे-सादे और भोले किसान की अपेक्षा चतुर हो चले थे'- इस कथन के संदर्भ में अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।

3)     "हरिहर काका कहानी पारिवारिक जीवन में घर कर चुकी स्वार्थपरायणता और हिंसा-प्रवृत्ति को बेनकाब करती है।" तर्कसंगत उत्तर दीजिए।

4)     हरिहर काका के गाँव में यदि मीडिया की पहुँच होती तो उनकी क्या स्थिति होती ?

 

                                       खंड-घ (रचनात्मक-लेखन)

प्रश्न11) निम्नलिखित विषय पर 100-120 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए-(कोई एक)          (5)

    (क) स्वच्छता में आम आदमी की भूमिका

          संकेत बिंदु- 

                               स्वच्छता क्यों आवश्यक

                               स्वच्छता का स्वास्थ्य पर प्रभाव

                               हमारी भूमिका

                                                                          अथवा

    (ख) साइबर युग : साइबर ठगी

           संकेत बिंदु - बढ़ते ऑनलाइन कार्य

                  साइबर ठगी की बढ़ती घटनाएँ 

                   सावधानियाँ तथा बचने के उपाय

प्रश्न12) पढ़ने-लिखने की उम्र में भीख माँगने वाले बच्चों की समस्या पर किसी समाचारपत्र के संपादक को पत्र लिखिए और एक समाधान भी सुझाइए।                                                                                                     (5)                   

                                                                           अथवा

आप विद्यालय के हिंदी संघ के सचिव रजत शर्मा अथवा श्वेता शर्मा हैं। अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य को पत्र लिखिए जिसमें पुस्तकालय में हिंदी की अच्छी पुस्तकें व पत्रिकाएँ मँगवाने के लिए निवेदन किया गया हो।                                                                                                                                                                 

प्रश्न13) निम्नलिखित विषय पर 100-120 शब्दों में लघुकथा लिखिए-(कोई एक)          (5)

      हार के आगे जीत है’

                                          अथवा

     एक शाम जब मैं घर में बैठा था/बैठी थी तभी अचानक किसी ने ज़ोर से दरवाजा खटखटाया। मैं चौंक गया/गई…............." पंक्ति से लगभग 100 शब्दों में लघु कथा लिखिए।

 

ANSWER KEY -

 

प्रश्न1-

1. (घ) जब हम अन्य भाषा को बेहतर मानने लगते हैं।

2. (क) हमारी सभ्यता के भूत और वर्तमान काल के बारे में।

3. (ख) कि भाषा हमारे कारण खत्म हो सकती है।

4. भाषा इस बात का दस्तावेजीकरण भी है कि मनुष्य कैसे जिया था और कैसे जी रहा है। इस दृष्टि से देखें तो भाषा हमारा पूरा इतिहास है, जो हमें देखे गए और देखे जाने वाले सपनों, अच्छे और बुरे, दोनों से परिचित करवाती है।

5. भाषाओं के खतरे में होने का अर्थ है कि, कभी ऐसी भी स्थिति आ सकती है कि किसी भाषा को बोलने वाला कोई बचे ही नहीं। यह स्थिति दो तरीकों से आती है। एक तो यह कि प्राकृतिक कारणों से कोई भाषा बोलने वाला समाज विलुप्त हो जाए। दूसरा यह कि कोई समाज स्वयं अपनी भाषा (मातृभाषा) के प्रति उदासीन हो जाए, किसी और भाषा को बेहतर मानकर उसे स्वीकार कर लें।

प्रश्न2-

(1) (ग) लक्ष्य का महत्त्व

(2) (ख) लक्ष्य से प्रयास में दिशा मिलती है

(3) (क) कथन सही है, लेकिन निष्कर्ष गलत है।

(4) लक्ष्य निर्धारित करना महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें स्पष्ट दिशा और उद्देश्य प्रदान करता है. जिससे हमारे प्रयास अनुशासित और केंद्रित रहते हैं।

(5) सफलता प्राप्त करने के लिए लक्ष्य निर्धारित करना, एक ठोस योजना बनाना, और नियमित अनुशासन और मेहनत के साथ उस पर कार्य करना आवश्यक है।

प्रश्न3-

(क) संज्ञा पदबंध-कारण- रेखांकित पदबंध में पदबंध का अंतिम या शीर्षपद संज्ञा है ,अन्य पद उसी पर आश्रित  हैं तथा सभी पद मिलकर संज्ञा का कार्य कर रहे हैं।

(ख) लंका का अहंकारी 

(ग) संज्ञा पदबंध 

(घ) तेजी से दौड़ता हुआ

(ड़) क्रिया पदबंध-कारण- रेखांकित पदबंध में एक से अधिक क्रिया पद मिलकर एक इकाई के रूप में क्रिया का कार्य कर रहे हैं। अतः यहाँ क्रिया पदबंध है।

(च) 'विशेषण पदबंध' -जो पदबंध वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम के विशेषण के रूप में प्रयुक्त होते हैं, उन्हें 'विशेषण पदबंध' कहते हैं।

(छ) सर्वनाम पदबंध-कारण- रेखांकित पदबंध में पदबंध का अंतिम या शीर्षपद सर्वनाम  है ,अन्य पद उसी पर आश्रित हैं तथा सभी पद मिलकर सर्वनाम का कार्य कर रहे हैं।

प्रश्न 4

(क) रात ही रात में- अव्ययीभाव समास 

(ख) चंद्र है जिसके शिखर पर अर्थात शिव -क्योंकि इसमें दोनों पद गौण हैं तथा दोनों मिलकर किसी तीसरे पद(अर्थात शिव) के विषय में संकेत करते हैं। 

(ग) विद्या रुपी धन -कारण- कर्मधारय समास- क्योंकि पूर्वपद तथा उत्तरपद में उपमेय (जिसकी किसी वस्तु से उपमा दी गई हो-विद्या)-उपमान (वह वस्तु या व्यक्ति जिससे उपमा दी जाए-धन) का संबंध है

(घ) द्वंद समास- क्योंकि इस समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान होतॆ हैं। समस्तपद का विग्रह करने पर पदों के बीच में 'और', 'तथा', 'एवं' आदि शब्दों का प्रयोग होता है।

(ड़) चक्रधर -बहुव्रीहि समास 

(च) पर(दूसरों) के अधीन- तत्पुरुष समास 

(छ) वह समास  जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण हो और समस्त पद किसी समूह या समाहार का बोध कराता हो, उसे द्विगु समास कहते हैं।

प्रश्न

(क) जान हथेली पर रखकर 

(ख) दंग रह गया 

(ग) चेहरा मुरझाना

(घ) असलियत का पता चलना -"नेताजी के भ्रष्टाचार की जब जाँच हुई तो उनकी कलई खुल गई।"

(ड़) निश्चित हो जाना -परीक्षा खत्म होने के बाद, "अमृत घोड़े बेचकर सो गया"।

(च) टाल-मटोल करना या बहाने बनाना।

(छ) दो से चार

प्रश्न 6-

1. घ) प्राकृतिक परिवेश था

2. ख) बढ़ते शहरीकरण से जीव-जंतुओं के बेघर होने की ओर                                                                     

3. ग) अस्थायी पड़ाव बनाना                       

4.  ग) अपने बच्चों को खिलाने-पिलाने के लिए

5. घ) उपर्युक्त सभी

6. घ) कथन(A) तथा कारण(R) दोनों सही हैं तथा कारण(R), कथन(R) की सही व्याख्या करता है।

प्रश्न 7-

1. (ख) परम दानी राजा

2. (क) (1)-(ब), (2)-(स) (3)-(अ)

3. (घ) उपर्युक्त सभी

4. (क) जिसका न आदि हो न अंत

5. (ख) हड्डियाँ

6. (क) क्योंकि आत्मा अजर-अमर है, इसका नाश नहीं होता, भले ही शरीर का नाश हो जाए

प्रश्न 8-

1) मट्टी से............कैसे हो पहचान। इन पंक्तियों के माध्यम से लेखक यह कहना चाहता है-सृष्टि (संसार) में प्रत्येक प्राणी पंच-तत्वों की सहायता से निर्मित हुआ है और अंत में मृत्यु के पश्चात वह मिट्टी में मिल जाता है। अर्थात ईश्वर ने हम सभी प्राणधारियों को एक ही मिट्टी से बनाया है। यदि सभी से प्राण निकाल कर वापिस मिट्टी बना दिया जाए तो किसी का कोई निशान नहीं रहेगा जिससे पहचाना जा सके कि कौन सी मिट्टी किस प्राणी की है। भाव यह हुआ कि लेखक कहना चाहता है व्यक्ति को अपने व्यक्तित्व पर घमण्ड नहीं करना चाहिए।

2) मैं लेखक के विचारो से सहमत नहीं हूँ, शिक्षा में केवल रटंत ज्ञान और बेसिर-पैर की बातें नहीं होती।  शिक्षा ही हमें ज्ञानवान बनाती है। यही शिक्षा हमारे व्यावहारिक जीवन में काम आती है। शिक्षा के माध्यम से ही पढ़ना-लिखना सीखते हैं और दुनियाभर की बातों को समझते हैं। इसी से हमें दुनियादारी की समझ आती है तथा इसी से हमारी बुद्धि का विकास होता है। यदि हम गणित के फार्मूले नहीं जानेंगे तो भविष्य में अपना हिसाब-किताब किस प्रकार कर पाएँगे। भाषा को सीखने से ही हम अपने विचारों को अभिव्यक्त कर पाते हैं। 

3) पतझर में टूटी पत्तियों पाठ में लेखक चैन के कुछ पल बिताने के लिए एक शांत स्थान पर छः मंजिली इमारत की छत पर बनी पर्णकुटी में 'टी सेरेमनी' में भाग लेने के लिए गया। वहाँ के शांत वातावरण में  चाए पीने से  दिमाग की रफ्तार धीरे-धीरे शांत और अंत में बिल्कुल बंद हो गई। उस समय भूतकाल की घटनाएँ तथा भविष्य की चिंताएँ गायब हो गई तथा उन्होने वर्तमान को मह्सूस किया जो सुकून व शांति देने वाला था।

हाँ,वास्तव में सभी को इसकी आवश्यकता है। वर्तमान की भागमभाग व मानसिक तनावों से इसके द्वारा मुक्ति पाई जा सकती है। 

4) डायरी का एक पन्ना' पाठ में गुलाम भारत में 1931 में कलकत्ता (कोलकाता) में मनाए गए स्वतंत्रता दिवस आयोजन से देश के प्रति अपने कर्तव्यों की सीख पाठ से लेते हुए हम कह सकते हैं कि हमें देश की अखंडता और एकता के लिए कटिबद्ध रहना चाहिए। हमें अपने देश के विकास के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। क्रांतिकारियों की कुर्बानियों को स्मरण रखकर समाज को संगठित करना चाहिए। सरकार की तानाशाही से लोहा लेना चाहिए। 

उत्तर9)

1) मनुष्यता कविता में कवि ने ऐसे जीवन को जो मानवता का हित न करता हो तथा स्वार्थी व्यक्ति का जीवन व्यर्थ का बताया है। स्वार्थी जीवन को पशु वृत्ति का जीवन कहा गया है अर्थात जो व्यक्ति दूसरों का भला नहीं करता उसका जीवन व्यर्थ है। मनुष्य को उदारता और परोपकार का जीवन जीना चाहिए। केवल अपने हित के बारे में नहीं सोचना चाहिए। ऐसा जीवन व्यर्थ है जिसे मरने के बाद कोई भी याद न करे। 

2) प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने कहा है कि सबसे बड़ी समझदारी इस बात में है कि सभी मनुष्य भाई-बंधु हैं। उन्होंने कहा है कि सिर्फ बाहर से ही हमारे रंग-रूप में अंतर है। लोग कर्म के अनुसार एक-दूसरे को अलग-अलग समझने की भूल करते हैं, लेकिन सभी की आत्मा में एक ही परमात्मा का निवास है तथा हम सभी एक ही परम पिता परमात्मा की संतान हैं। इसलिए हमे बिना किसी भेद-भाव के सभी की मदद व सभी को साथ लेते हुए आगे बड्ना चाहिए।

3) कवि पंत ने पर्वत प्रदेश में पावस कविता में तालाब की समानता दर्पण के साथ दिखाई है। इसका कारण यह है कि तालाब का जल भी दर्पण के समान पारदर्शी है। दोनों में मुँह देखा जा सकता है। जैसे दर्पण में परछाईं प्रत्यक्ष दिखाई देती है उसी प्रकार तालाब के जल में पर्वत का प्रतिबिंब दिखाई देता है। 

4) इस पद में मीरा की कृष्ण भक्ति स्पष्ट झलक रही है। वह हरि अर्थात् कृष्ण से जन-जन की पीड़ा हरने अर्थात्तू दूर करने की प्रार्थना करती है। वह उन्हें उनके परोपकारी कार्यों का स्मरण कराकर (प्रह्लाद, ऐरावत हाथी तथा द्रौपदी की मदद) अपनी प्रार्थना को तर्कसंगत बताया है। इस प्रकार वह कृष्ण की क्षमताओं का गुणगान करती है। दूसरी ओर वह उनके कर्तव्य की याद दिलाते हुए कहती है कि उनकी (मीरा) विपत्ति का निवारण करना भी उनका कर्तव्य है क्योंकि वह भी अन्य भक्तों की तरह श्री कृष्ण की अनन्य भक्त हैं। 

उत्तर10)

1)    1)  समाज में रिश्तों की बहुत अहमियत है। रिश्तों से ही व्यक्ति समाज में मान-सम्मान पाता है। अपने पराए की पहचान रिश्तों के कारण ही होती है। रिश्तों के कारण ही व्यक्ति की समाज में विशेष भूमिका निर्धारित होती है। रिश्ते ही सुख-दुख में काम आते हैं। वैसे अब के बदलते दौर में रिश्तों पर भी स्वार्थ की भावना हावी होती जा रही है जो दुखद है।

'हरिहर काका' कहानी में रिश्तों का जो स्वार्थी व लालची स्वरूप उभरकर सामने आया है, यह कोई सुखद नहीं है अपितु समाज में वृद्धों की उपेक्षा और रिश्तों में मानवीय मूल्यों की कमी को उजागर करती है, खासकर तब जब संपत्ति से जुड़ा मामला हो।

2)

हरिहर काका जानते हैं कि जब तक उनकी जमीन-जायदाद उनके पास हैतब तक सभी उनका आदर करते हैं। ठाकुरबारी के महंत उनको इसलिए समझाते हैं क्योंकि वह उनकी जमीन ठाकुरबारी के नाम करवाना चाहते हैं। उनके भाई उनका आदर-सत्कार जमीन के कारण करते हैं। हरिहर काका ऐसे कई लोगों को जानते हैं(रमेसर की विधवा)जिन्होंने अपने जीते जी अपनी जमीन परिवार के किसी सदस्य के नाम लिख दी थी उसके बाद में उनका जीवन नरक बन गया था। इसलिए उन्होने यह निश्चय किया था कि वह जीते-जी अपनी जमीन किसी के नाम नहीं लिखेंगे और अंत में वे एक नौकर के साथ अकेले रहने लगे थे। इससे पता चलता है कि हरिहर काका एक सीधे-सादे, भोले-भाले किसान हैं, पर वे समय और परिस्थिति को देखकर चतुर हो चले थे। 

3)  हरिहर काका परिवार में रहते हुए पारिवारिक सुखों से वंचित थे। उन्हें न तो ढंग का खाना मिलता था, न सम्मानजनक व्यवहार। पहले कुछ दिनों तक उनकी सेवा तो की गई, पर वह भी स्वार्थवश थी। भाई उनके हिस्से की जमीन को अपने नाम करवाना चाहते थे। इसमें सफल न होने पर घोर स्वार्थ के वशीभूत होकर काका को मारने-पीटने तक पर उतारू हो गए। अपने स्वार्थ की पूर्ति न देखकर भाई उनके खून तक के प्यासे हो गए और जबरन खाली कागजों पर अँगूठा लगवाना चाहते थे। ।अंत मे पुलिस ने काका को सुरक्षा देकर उनकी रक्षा की। हरिहर काका कहानी पारिवारिक जीवन में घर कर चुकी स्वार्थपरायणता और हिंसा-प्रवृत्ति को बेनकाब करती है। 

4) यदि हरिहर काका के गाँव में मीडिया की पहुँच होती तो उनकी वास्तविक हालत का सबको पता चल जाता। मीडिया महंत की कलई भी खोल देती। मीडिया हरिहर काका के भाइयों के दुर्व्यवहार की सूचना भी सबको दे देती। जबरन अँगूठा लगवाने की बात भी पुलिस प्रशासन तक पहुँच जाती।

मीडिया के माध्यम से उनकी कहानी पूरे देश में फैल जाती, जिससे उनके साथ हो रहे अन्याय का पर्दाफाश होता। महंत और उनके भाइयों को अपने किए की सज़ा मिलती, और हरिहर काका को न्याय मिलता।  


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