गिरगिट || Sparsh || स्पर्श || कक्षा 10 || कवि परिचय || सार || प्रश्नोंउत्तर || Kavi Parichay || Summary || Question Answer || Class 10
गिरगिट
मौखिक
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो
पंक्तियों में दीजिए-
प्रश्न 1.
काठगोदाम के पास
भीड़ क्यों इकट्ठी हो गई थी ?
उत्तर- काठगोदाम के पास अचानक ही एक व्यक्ति
के चीखने की आवाज़ सुनाई दी और उसके बाद कुत्ते के किकियाने की। एक व्यापारी
पिचूगिन के कोठगोदाम में से एक कुत्ता तीन टाँगों के बल पर रेंगता हुआ आ रहा था, क्योंकि ख्यूक्रिन नाम के एक व्यक्ति
ने कुत्ते को पिछली टाँग से पकड़ा हुआ था और चीख रहा था कि इस कुत्ते को कहीं भी
मत जाने दो। ख्यूक्रिन और कुत्ते दोनों के मिले-जुले शोर को सुनकर काठगोदाम के पास
भीड़ इकट्ठी हो गई।
प्रश्न 2.
उँगली ठीक न होने की स्थिति में ख्यूक्रिन
का नुकसान क्यों होता?
उत्तर- ख्यूक्रिन एक कामकाजी आदमी था। वह पेचीदा किस्म का काम करता था।
उसे लकड़ी लेकर जरूरी काम निपटाना था परंतु उँगली पर घाव होने के कारण वह हफ्तों
तक काम नहीं कर पाएगा जिससे उसके काम का नुकसान होगा।
प्रश्न 3.
कुत्ता क्यों किकिया रहा था?
उत्तर- ख्यूक्रिन ने कुत्ते की पीछे की एक टाँग भी पकड़ ली थी। वह
कुत्ता तीन टाँगों के बल रेंगता चल रहा था। उसे चलने में कष्ट हो रहा था इसलिए वह
किकिया रहा था।
प्रश्न 4.
बाज़ार के चौराहे पर खामोशी
क्यों थी?
उत्तर- बाजार में पुलिस इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव अपने सिपाही के साथ
गश्त लगा रहा था। वह रिश्वतखोर था और जो भी सामने आता था, उससे कुछ-कुछ लूट-खसोट जरूर करता था। लोग बहुत कम थे। सभी
दुकानदार अपनी-अपनी दुकानों में खाली बैठे थे। वहाँ कोई खरीदार नहीं था। उस जमाने
में रूस में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज़ नही थी। पुलिस वाले आम आदमियों को
परेशान करते थे। पुलिस इंस्पेक्टर दौरे और जब्ती की कार्यवाई के कारण लोग सहम गए
थे इसलिए बाज़ार के चौराहे पर खामोशी थी।
प्रश्न 5.
जनरल साहब के बावर्ची ने
कुत्ते के बारे में क्या बताया?
उत्तर- जनरल साहब के बावर्ची ने कुत्ते के बारे में बताया कि यह
कुत्ता उनके मालिक का नहीं है,
बल्कि उनके भाई ‘इवानिच’ का
है। यह कुत्ता ‘बारजोयस नस्ल का है और जनरल साहब इस नस्ल के कुत्तों में कोई
दिलचस्पी नहीं रखते। यह नस्ल उनके भाई को पसंद है। अतः यह उन्हीं का है।
लिखित
(क)
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
प्रश्न 1.
ख्यूक्रिन ने मुआवज़ा पाने की
क्या दलील दी?
उत्तर- ख्यूक्रिन ने मुआवज़ा पाने की यह दलील दी कि इस कुत्ते ने
मेरी उँगली काट खाई है। अब मैं एक हफ्ते तक काम नहीं कर पाऊँगा। मुझे लकड़ी का
ज़रूरी काम निपटाना था। मैं एक कामकाजी व्यक्ति हूँ और मेरा काम भी पेचीदा है।
मेरा भारी नुकसान होगा। अतः मुझे इस कुत्ते के मालिक से हरज़ाना दिलवाया जाए।
प्रश्न 2.
ख्यूक्रिन ने ओचुमेलॉव को
उँगली ऊपर उठाने का क्या कारण बताया?
उत्तर- ख्यूक्रिन ने ओचुमेलॉव को बताया कि बाज़ार से लकड़ी लेकर
कुछ काम निपटाने के उद्देश्य से वह आया था। तभी अचानक एक कुत्ता कहीं से आया और
उसने उसकी उँगुली पर काट लिया । कुत्ते दूद्वारा काटे जाने के कारण ही उसने अपनी
उँगली ऊपर उठाई हुई थी। इस तरह से वह लोगों की हमदर्दी बटोरना चाहता था तथा
बार-बार उँगली दिखाकर मुआवजे के पक्ष में दलील दे रहा था।
प्रश्न 3.
येल्दीरीन ने ख्यूक्रिन को
दोषी ठहराते हुए क्या कहा ?
उत्तर- येल्दीरीन ने ख्यूक्रिन को दोषी ठहराते हुए कहा कि मैं इस
ख्यूक्रिन को अच्छी तरह से जानता हूँ। यह हमेशा कोई-न-कोई शरारत करता रहता है। इसी
ने अपनी जलती हुई सिगरेट इस कुत्ते की नाक में घुसेड़ दी होगी। वरना क्या कुत्ता
बेवकूफ़ है, जो इसे काट खाता? यह सब इसी की शरारत का परिणाम है, इसलिए यही दोषी है।
प्रश्न 4.
ओचुमेलॉव ने जनरल साहब के पास
यह संदेश क्यों भिजवाया होगा कि उनसे कहना कि यह मुझे मिला और मैंने इसे वापस उनके
पास भेजा है’?
उत्तर- ओचुमेलॉव एक अवसरवादी इंस्पेक्टर था। वह चापलूस था तथा
भाई-भतीजावाद में विश्वास रखता था। उसने यह संदेश इसलिए भिजवाया होगा ताकि वह जनरल
साहब की नज़रों में अच्छा बन सके। वह जनरल साहब का हितैषी बनकर उनके प्रति निष्ठा
व्यक्त कर उन्हें प्रसन्न करते हुए स्वयं श्रेय लेना चाहता था। वह जताना चाहता था
कि वह जनरल साहब का ही नहीं उनके कुत्ते का भी ध्यान रखता है। उसे साहब की भलाई की
चिंता है। वह उनका आज्ञाकारी,
विश्वसनीय सेवक है उसे आशा थी
कि यह संदेश सुनकर जनरल साहब उससे खुश हो जाएँगे और उसकी प्रशंसा करने के साथ-साथ
उसे पदोन्नति देंगे।
प्रश्न 5.
भीड़ ख्यूक्रिन पर क्यों
हँसने लगती है?
उत्तर- इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव ने पहले तो ख्यूक्रिन को उसे कुत्ते के
काटने पर उसके मालिक के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए कहा, पर जब उसे यह पता चला कि यह कुत्ता तो जनरल साहब या उनके
भाई दोनों में से किसी एक का है, तो
उसने ख्यूक्रिन को न्याय दिलाने की जगह उसे ही दोषी ठहरा दिया। उसकी इसी विवशता
तथा पक्षपातपूर्ण कानून व्यवस्था पर भीड़ हँसने लगती है।
(ख)
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
प्रश्न 1.
किसी कील-वील से उँगली छील ली
होगी-ऐसा ओचुमेलॉव ने क्यों कहा?
उत्तर- भाई-भतीजा वाद तथा चापलूसी करने में विश्वास
रखने वाले पुलिस इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव को जब यह पता चला कि ख्यूक्रिन की उँगली
काटने वाला कुत्ता आम नहीं है,
बल्कि जनरल साहब या उनके भाई
दोनों में से किसी एक का है,
तो उसने कुत्ते को बचाने के
लिए कुत्ते की जगह ख्यूक्रिन को ही दोषी ठहराते हुए कहा कि उसने स्वयं ही किसी
कील-वील से उँगली छील ली होगी और इसे कुत्ते के माथे मढ़कर कुछ हरजाना ऐंठकर
फ़ायदा उठाना चाह रहा है।
प्रश्न 2.
ओचुमेलॉव के चरित्र की
विशेषताओं को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर- ख्यूक्रिन ने ओचुमेलॉव को उँगली ऊपर उठाने का कारण यह बताया
कि कुत्ते के काटने से उसकी उँगली लहूलुहान हो गई है। अब वह हफ्तेभर तक काम नहीं
कर सकेगा। इसके अलावा वह उससे तथा लोगों से सहानुभूति पाना चाहता था।
प्रश्न 3.
यह जानने के बाद कि कुत्ता
जनरल साहब के भाई का है- ओचुमेलॉव के विचारों में क्या परिवर्तन आया और के यों?
उत्तर- जब ओचुमेलॉव को प्रोखोर यह बताता है कि यह कुत्ता जनरल साहब
के भाई का है, तो उसके विचारों में एकदम परिवर्तन आ
जाता है। वह पहले जिस कुत्ते को गंदा, मरियल
कह रहा था, अब वही कुत्ता उसे अति ‘सुंदर डॉगी’
लगने लगा। वह उसे खूबसूरत पिल्ला दिखाई देने लगा। उसे अब ख्यूक्रिन का ही दोष
दिखाई देने लगा। उसके विचारों में यह परिवर्तन इसलिए आया, क्योंकि वह स्वार्थी एवं अवसरवादी व्यक्ति था और जनरल साहब
को नाराज़ नहीं करना चाहता था। उन पर अपनी स्वामिभक्ति की छाप छोड़ना चाहता था।
प्रश्न 4.
ख्यूक्रिन का यह कथन कि ‘मेरा
एक भाई भी पुलिस में है…।’ समाज की किस वास्तविकता की ओर संकेत करता है?
उत्तर- ख्यूक्रिन का यह कथन कि ‘मेरा एक भाई भी पुलिस में है…।’ से
समाज में फैले भाई-भतीजावाद जैसी दुष्प्रवृत्ति का पता चलता है जब कुत्ते के काटने
की व्यथा झेल रहे ख्यूक्रिन को लगता है कि येल्दीरीन (सिपाही) कुत्ते को दोषमुक्त
करने के लिए स्वयं उसे ही दोषी ठहराने पर तुला है तो वह अपने साथ अन्याय होता देख
ऐसा कहता है। इस प्रकार वह इंसपेक्टर तथा सिपाही दोनों को ऐसा बताकर भाई-भतीजावाद
को अनुचित लाभ लेना चाहता है। इससे स्पष्ट होता है। कि तत्कालीन रूसी समाज में
अराजकता, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का
बोलबाला है। समाज में कानून नाम की कोई चीज नहीं है। दोषी को निर्दोष तथा निर्दोष
को दोषी बनाने का तुच्छ कार्य अपनी स्वार्थपूर्ति के लिए धड़ल्ले से किया जा रहा
है।
प्रश्न 5.
इस कहानी का शीर्षक ‘गिरगिट’
क्यों रखा होगा? क्या आप इस कहानी के लिए कोई अन्य
शीर्षक सुझा सकते हैं?
अपने शीर्षक का आधार भी
स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- इस कहानी का शीर्षक ‘गिरगिट’ इसलिए रखा गया है, क्योंकि पूरी कहानी में पुलिस इंस्पेक्टर अवसरानुकूल अपना रूप
गिरगिट की तरह बदलता रहता है। कभी वह आम-आदमी की तरफ़दारी करता है, तो कभी भाई-भतीजावादी और चापलूसी करने वाला बनकर कानून के
साथ खिलवाड़ करता है। इस कहानी का शीर्षक ‘चापलूस इंस्पेक्टर’ या ‘अवसरवादिता’ भी
हो सकता है, क्योंकि वह कानून का साथ न देकर उच्च
पदों पर आसीन व्यक्तियों की चापलूसी करता है। चापलूस इंस्पेक्टर का जीवन सिद्धांत
यह है कि उसका कोई सिद्धांत नहीं और साथ ही न कोई निर्धारित जीवन-शैली। वह समय व
परिस्थितियों के अनुसार अपने को बदल देता है।
प्रश्न 6.
‘गिरगिट’ कहानी के माध्यम से
समाज की किन विसंगतियों पर व्यंग्य किया गया है? क्या आप ऐसी विसंगतियाँ अपने समाज में भी देखते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- ‘गिरगिट’ कहानी के माध्यम से लेखक ने समाज की कानून व्यवस्था
पर व्यंग्य किया है। लेखक ने बताया है कि शासन व्यवस्था पूर्ण रूप से चापलूसों और
भाई-भतीजावाद के समर्थक अधिकारियों के भरोसे चल रही है। व्यक्ति परिस्थिति के
अनुसार अपनी बात को परिवर्तित करना अच्छी तरह से जानते हैं। चापलूस अधिकारी सही
निर्णय नहीं लेते जिसका असर समाज पर पड़ता है। पुलिस का व्यवहार आम आदमी के प्रति
उपेक्षापूर्ण होता है, जिसके कारण आम आदमी को न्याय नहीं
मिल पाता। पुलिस अधिकारी सदा हित की बात सोचते हैं। समाज में उच्च वर्ग का दबदबा
है। उन्हीं का आदेश समाज । की दिशा निर्धारित करता है जबकि सामान्य व्यक्ति का
अपराध दंडनीय हो जाता है। वर्तमान समाज में भी ऐसी विसंगतियों को देखा जा सकता है।
हम देखते हैं कि चापलूस और रिश्वतखोर लोग निरंतर उन्नति कर रहे हैं। कानून और
न्याय व्यवस्था में चारों ओर चापलूसों और भ्रष्ट लोगों का ही बोलबाला है। लोग सफल
होने के लिए इसी रास्ते को अपनाते जा रहे हैं। यद्यपि इन विसंगतियों को दूर करने
के प्रयास किए जा रहे हैं,
किंतु अभी अधिक सफलता नहीं
मिल पाई है।
(ग)
निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
प्रश्न 1.
उसकी आँसुओं से सनी आँखों में
संकट और आतंक की गहरी छाप थी।
उत्तर- इस कथन का आशय यह है कि जब कुत्ते ने ख्यूक्रिन की उँगली
काट ली, तो उसने उसकी खूब पिटाई की और बुरी
तरह से उसकी पिछली टाँग को पकड़ कर खींचा। दर्द के कारण उसकी आँखें आँसुओं से भरी
हुई थीं। अपने चारों ओर भीड़ देखकर कुत्ता और भी आतंकित हो गया, क्योंकि उसे भीड़ रूपी संकट भी गहरी पीड़ा दे रहा था।
प्रश्न 2.
कानून सम्मत तो यही है.. कि
सब लोग अब बराबर हैं।
उत्तर-
इस कथन से ख्यूक्रिन यह कहना
चाहती है कि वर्तमान काननू-व्यवस्था में सभी बराबर हैं। कोई छोटा-बड़ा नहीं है।
यदि कोई बड़ा व्यक्ति अपराध करता है तो उसे भी अवश्य ही दंड मिलना चाहिए। कानून की
दृष्टि में कोई छोटा-बड़ी नहीं होता, बल्कि
सब बराबर होते हैं। उसने ओचुमेलॉव से कहा कि यदि उसकी बात में सत्य नही होगा तो उस
पर मुकदमा चलाया जाए। उसने यह भी कहा कि समाज में हर व्यक्ति के साथ नियम और कानून
के अनुसार समान व्यवहार होना चाहिए। इसलिए वह भी न्याय प्राप्त करने का हकदार है
और उसका कोई अपराध नहीं है।
प्रश्न 3.
हुजूर! यह तो जनशांति भंग हो
जाने जैसा कुछ दीख रहा है।
उत्तर- इसका आशय यह है कि जब ख्यूक्रिन की कुत्ते ने उँगली काट ली, तो उसने चिल्लाते और गालियाँ देते हुए उसकी खूब पिटाई की
इसलिए कुत्ता दर्द से चीख रहा था, किकिया
रहा था। उसकी दर्द भरी पुकार और ख्यूक्रिन का चिल्लाना सुनकर लोग अपने-अपने घरों
और दुकानों से बाहर आकर इकट्ठे होने लगे। देखते-देखते ही अपार जन-समूह इकट्ठा हो
गया। इस स्थिति को देखकर चापलूस सिपाही ने पुलिस इंस्पेक्टर से परिस्थिति को शीघ्र
ही काबू में करने के लिए कहा,
क्योंकि किसी विद्रोह के समय जिस प्रकार शांति भंग होती है,
उसी प्रकार की शांति इस समय
भंग होती दिखाई दे रही थी।
Comments
Post a Comment