चित्र-वर्णन || Class 9 ||
चित्र-वर्णन हम जब कोई चित्र देखते हैं, तब उसे देखकर हमारे मन में कुछ विचार उठते हैं। किसी भी वस्तु, दृश्य या चित्र को देखकर मन में अनेक भाव जन्म लेते हैं। उनके प्रति प्रत्येक व्यक्ति का अपना अलग दृष्टिकोण होता है। मन में उठे विचारों एवं भावों को सशक्त एवं प्रभावशाली भाषा के माध्यम से व्यक्त करना ही चित्र वर्णन कहलाता है। वर्णन के लिए दिए गए चित्र किसी विशेष घटना, किसी स्थिति, विशेष व्यक्ति विशेष तथा प्रकृति से संबंधित हो सकते हैं। चित्र-वर्णन करते समय ध्यान देने योग्य बातें :- सर्वप्रथम हमें चित्रों को ध्यान से देखना चाहिए। चित्रों को ध्यानपूर्वक देखने के बाद हमें उसमें दिखाई गई घटना को समझने का प्रयास करना चाहिए। चित्र को देखकर मन में आए भावों को क्रम से लिखना चाहिए। चित्र-वर्णन करते समय हमें अपनी कल्पना-शक्ति का प्रयोग करते हुए उसे रचना या लेख का रूप देना चाहिए। भावों को अभिव्यक्त करने के लिए प्रभावशाली भाषा का प्रयोग करना चाहिए। प्राकृतिक दृश्यों का वर्णन करते समय कल्पना-शक्ति का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए। चित्र-वर्णन करते समय हमें आडंबरपूर्ण वर्णन से बचना चाहिए...