महत्त्वपूर्ण प्रश्न-

प्रश्न) 'पर्वत प्रदेश में पावस' कविता में वर्णित पर्वतीय प्रदेश की सुंदरता का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।


उत्तर - पर्वतीय प्रदेश की सुंदरता अवर्णनीय है। विशेषकर वर्षा ऋतु में पर्वत प्रदेश का सौंदर्य देखते ही बनता है। वर्षा ऋतु में पल-पल प्रकृति के रूप में परिवर्तन आता है। कभी मेखलाकार पर्वत अपने दृग-सुमन फाड़कर नीचे के तालाब में अपना आकार निहारता जान पड़ता है। कभी ऐसा लगता है कि वृक्ष नीरव नभ की ओर झाँक रहे हैं। कभी बादलों के मध्य पर्वत गायब हो जाता है। ऐसा लगता है कि पहाड़ बादल रूपी पंख लगाकर उड़ गए हैं। कभी लगता है कि बादलों के रूप में समस्त आकाश ही धरती पर आ गिरा है। पर्वतों के मध्य खाइयों में उगे शाल के वृक्ष भयग्रस्त दिखाई देते हैं। कभी लगता है कि तालाब में आग लग गई है। इन दृश्यों को देखकर लगता है कि इंद्र देवता बादल रूपी वाहन में घूम-घूम कर अपनी जादूगरी दिखा रहे हैं।


'तोप' कविता के आधार पर तोप और चिड़िया की प्रतीकात्मकता स्पष्ट करते हुए लिखिए कि इस कविता के माध्यम से कवि ने क्या संदेश दिया है ?


उत्तर- 'तोप' कविता के आधार पर कहा जा सकता है कि तोप और चिड़िया का प्रयोग प्रतीकात्मक रूप में किया गया है। 'तोप' प्रतीक है- क्रूर-अन्यायी सत्ता का, जो अपनी ताकत के बल पर जनता का शोषण करती है तथा उसकी आवाज को दबाती है। 'चिड़िया' प्रतीक है- स्वतंत्रता प्रिय व्यक्ति का, जो क्रूर सत्ता को भी चुनौती दे सकती है।


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