स्पर्श-
मह्त्त्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न बड़े भाई साहब' कहानी के अनुसार एक जमाना था कि लोग आठवाँ दरजा पास करके नायब तहसीलदार हो जाते थे, वर्तमान में क्या स्थिति है और इसके क्या कारण हैं ?
उत्तर- पुराने जमाने में लोग आठवाँ दरजा पास करके नायब तहसीलदार हो जाते थे, लेकिन वर्तमान में स्थिति ऐसी नहीं है। तब लोगों की न तो आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी थी और न ही पढ़ाई की सुविधाएँ थीं। कुछ लोग ही पढ़े-लिखे मिलते थे इसलिए तब आठवीं पास व्यक्ति भी काफी पढ़ा-लिखा समझ लिया जाता था। किंतु आज पढ़ाई-लिखाई की सुविधाओं में विस्तार हुआ है जिससे लोग पढ़ाई के प्रति जागरूक हो गये हैं। अब वर्तमान समय में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण आठवीं पास चपरासी तक नहीं बन पाता, इसमें ग्रेजुएट विद्यार्थी ही आ पाते हैं।
प्रश्न शैलेंद्र' से फिल्म की कहानी सुनकर राजकपूर ने अपनी प्रतिक्रिया कैसे व्यक्त की और सच्ची दोस्ती का निर्वाह किस प्रकार किया ? 'तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र' पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर- राजकपूर एक बड़े फिल्म निर्माता थे। वे फिल्म बनाने के खतरों से भली-भाँति परिचित थे। जब शैलेंद्र ने 'तीसरी कसम' फिल्म बनाने का निश्चय प्रकट किया तब राजकपूर ने एक हितैषी की भाँति शैलेंद्र को फिल्म की असफलताओं के खतरों से परिचित किया। वे जानते थे कि उनके मित्र शैलेंद्र एक अच्छे गीतकार हैं पर वे फिल्म निर्माण के क्षेत्र में सर्वथा नए हैं। इस क्षेत्र में बड़े-बड़े व्यावसायिक सूझबूझ वाले भी चक्कर खा जाते हैं। इसके बावजूद राजकपूर ने शैलेंद्र की फिल्म 'तीसरी कसम' में काम करके अपनी दोस्ती निभाई।
झेन की देन' पाठ में दिमाग को आराम देने के लिए 'टी-सेरेमनी' का उल्लेख किया गया है, टी-सेरेमनी का वर्णन करते हुए लिखिए कि क्या हमारे देश में भी इस प्रकार का कोई उत्सव या विधि अपनाई जाती है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- 'झेन की देन' पाठ में 'टी-सेरेमनी' का उल्लेख हुआ है। इसे दिमाग को आराम देने के लिए किया जाता है। 'टी-सेरेमनी' में केवल तीन आदमियों को प्रवेश दिया जाता है। इसका मुख्य कारण है कि यहाँ शांति बनी रहे। अधिक आदमियों के होने से वातावरण की शांति भंग हो सकती है। वहाँ के शांत वातावरण में बैठकर डेढ़ घंटे तक बूंद-बूंद करके चाय की चुसकियाँ ली जाती हैं।
चाय पीने के बाद ऐसा अनुभव होता है कि दिमाग की रफ्तार धीमी पड़ती जा रही है और दिमाग शांत होता जा रहा है। तब मनुष्य को लगता है कि वह अनंत काल में जी रहा है।
हमारे देश में प्राणायाम विधि में एक क्रिया है- ध्यान लगाना। इस क्रिया में कुछ पिया तो नहीं जाता, पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। इससे व्यक्ति काफी शांतचित्त अनुभव करता है।
प्रश्न 'कर चले हम फिदा' कविता की पंक्ति "साँस थमती गई, नब्ज जमती गई" में किस स्थिति का वर्णन किया गया है ? इसमें सैनिक के हृदय की कौन-सी भावना व्यक्त हुई है ?
उत्तर - काव्य-पंक्ति में रणभूमि में सैनिक के शहीद होने की स्थिति का वर्णन किया गया है। सीमा पर रक्षा करते हुए सैनिक शत्रु की गोलियों से इतना घायल हो जाता है कि उसकी साँस थमने लगती है और वह मृत्यु के निकट पहुँच जाता है। तब उसकी साँस थमने लगती है और नब्ज भी जमती प्रतीत होती है। उस अवस्था में भी उस सैनिक के हृदय में देश रक्षा की भावना रहती है। वह घायलावस्था में भी शत्रु को मारने के लिए क्रियाशील रहता है। कोई भी बाधा उसके कदम को रोक नहीं पाती।
इससे उसके अंदर देश प्रेम, देश रक्षा व समर्पण की भावना व्यक्त होती है।
प्रश्न ) 'कारतूस' एकांकी के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि सआदत अली वजीर अली का सगा चाचा होते हुए
भी उससे नफरत क्यों करता था ?
उत्तर- सआदत अली यद्यपि वजीर अली का सगा चाचा था, पर वह उससे नफरत करता था। इसका कारण यह था कि जबसे आसिफउद्दौला के घर लड़के का जन्म हुआ तभी से वह इस नए जन्मे बालक वजीर अली को अपनी मौत समझने लगा था। उसके रहते हुए सआदत अली को अवध का तख्त नहीं मिल सकता था। यही कारण है कि वह वजीर अली को अपने रास्ते से हटाने की योजना बनाने लगा। वह ऐशपरस्त व्यक्ति था। अंग्रेजों को उसने अपने काम का मानकर उन्हें अपनी आधी जायदाद-दौलत दे दी, साथ ही उन्हें दस लाख रुपए नकद भी दिए।
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