जन्माष्टमी पर्व || जन्माष्टमी का महत्त्व || Shri Krishna Cute Pictures || श्री कृष्ण का जन्मदिन || Knowing Hindi || Complete Information ||

 

जन्माष्टमी पर्व



कृष्ण जिनका नाम है,
गोकुल जिनका धाम है,
ऐसे श्रीकृष्ण को हमारा शत-शत नमन !!

जन्माष्टमी पर्व को भगवान श्री कृष्ण के के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व पूरी दुनिया में पूर्ण आस्था एवं श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। जन्माष्टमी को भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी पूरी आस्था व उल्लास से मनाते हैं। श्री कृष्ण युगों-युगों से हमारी आस्था के केंद्र रहे हैं। वे कभी यशोदा मैया के लाल होते हैं, तो कभी ब्रज के नटखट कान्हा।

 


जन्माष्टमी कब और क्यों मनाई जाती है : -

भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का दिन बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। जन्माष्टमी पर्व भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, जो रक्षाबंधन के बाद भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।

ऐसी मान्यता है कि इस खास दिन श्रीकृष्ण की आराधना करने से समस्त मन वांछित इच्छाओं की प्राप्ति होती है |

भगवान विष्णु के 8वें अवतार भगवान श्री कृष्ण का जन्म धरती को कंस के अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए हुआ था। श्री कृष्ण ने गीता के कई ऐसे उपदेश दिए हैं, जिनका अगर जीवन में अनुसरण कर लिया जाए तो इंसान एक सुखमय और सफल जिंदगी जी सकता है |

भगवान श्रीकृष्ण ने संपूर्ण जगत को प्रेम का पाठ पढ़ाने के साथ गीता में जीवन-मरण के तमाम रहस्यों के बारे मे व कर्म रहस्यों के बारे में भी बताया है |


दही-हांडी / मटकी फोड़ प्रतियोगिता : -

जन्माष्टमी के दिन देश में अनेक जगह दही-हांडी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। दही-हांडी प्रतियोगिता में सभी जगह के बाल-गोविंदा भाग लेते हैं। छाछ-दही आदि से भरी एक मटकी रस्सी की सहायता से आसमान में लटका दी जाती है और बाल-गोविंदाओं द्वारा मटकी फोड़ने का प्रयास किया जाता है। दही-हांडी प्रतियोगिता में विजेता टीम को उचित इनाम दिए जाते हैं। जो विजेता टीम मटकी फोड़ने में सफल हो जाती है वह इनाम का हकदार होती है। 


तैयारियां : -

श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन मंदिरों को खासतौर पर सजाया जाता है। जन्माष्टमी पर पूरे दिन व्रत का विधान है। जन्माष्टमी पर सभी 12 बजे तक व्रत रखते हैं। इस दिन मंदिरों में झांकियां सजाई जाती हैं,भगवान श्री कृष्ण को झूला झुलाया जाता है और रासलीला का आयोजन होता है।


उपसंहार : - 

जन्माष्टमी के दिन व्रत रखने का विधान है। अपनी सामर्थ्य के अनुसार फलाहार करना चाहिए। कोई भी भगवान हमें भूखा रहने के लिए नहीं कहता इसलिए अपनी श्रद्धा अनुसार व्रत करें। पूरे दिन व्रत में कुछ भी न खाने से आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। इसीलिए हमें श्रीकृष्ण के संदेशों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए ।





कण-कण में वो करे निवास,

गोपियों संग वो रचाए रास,

देवकी-यशोदा जिनकी मैया,

ऐसे श्रीकृष्ण कन्हेया के

जन्मोत्सव पर ढेर सारी शुभकामनाएँ  !!

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